ऋषिकेश में औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई

ऋषिकेश में औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई: बच्चों की कफ सिरप के सैंपल लिए गए, संदिग्ध दवाएं सील

ऋषिकेश: उत्तराखंड सरकार बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर औषधि विभाग (FDA) ने ऋषिकेश में औचक निरीक्षण अभियान चलाया। इस दौरान कई मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेताओं से बच्चों की सर्दी-खांसी की दवाओं (कफ सिरप) के छह सैंपल जांच के लिए एकत्र किए गए। संदिग्ध दवाओं के स्टॉक को मौके पर सील कर दिया गया और उनकी बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया।

क्यों चलाया गया अभियान?

मध्य प्रदेश और राजस्थान में हाल ही में कंटैमिनेटेड कफ सिरप से बच्चों की मौतों की घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चेतावनी दी थी कि कुछ कफ सिरपों में डायथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) जैसे जहरीले तत्व पाए गए हैं, जो बच्चों के लिए घातक हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने इस पर तुरंत एक्शन लेते हुए प्रदेशभर में जांच अभियान शुरू करने के निर्देश दिए।

ऋषिकेश में कार्रवाई का ब्यौरा

  • निरीक्षण त्रिवेणी घाट, लक्ष्मण झूला, और शहर के प्रमुख मेडिकल मार्केट्स में किया गया।
  • कई दुकानों में 4 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रतिबंधित सिरप स्टॉक में पाए गए।
  • संदिग्ध कफ सिरप (जैसे Coldruf, Dextromethorphan Hydrobromide युक्त दवाएं) को सील किया गया।
  • कुल 6 दवाओं के सैंपल राज्य प्रयोगशाला को भेजे गए हैं।

ड्रग इंस्पेक्टर टीम ने बताया कि सभी नमूनों की जांच में विशेष रूप से पॉलीएथाइलीन ग्लाइकॉल और सोर्बिटॉल जैसे घटकों पर फोकस किया जा रहा है, ताकि उत्पादन स्तर पर कंटैमिनेशन को रोका जा सके।

लाइसेंस रद्दीकरण और आगे की कार्रवाई

एफडीए अधिकारियों ने बताया कि अगर रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी पाई गई, तो संबंधित मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
अब तक प्रदेशभर में 12 से अधिक स्टोर्स के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं।
अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में यह अभियान अब फार्मा कंपनियों, डिपो और बाल चिकित्सालयों तक भी विस्तारित किया जा रहा है।

जनजागरूकता और अपील

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने अपील की —

“माता-पिता अपने बच्चों को कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना न दें। किसी भी संदिग्ध दवा की सूचना तुरंत स्थानीय एफडीए कार्यालय में दें।”

स्थानीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भी सरकार के कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस अभियान से पारदर्शिता और जनविश्वास बढ़ा है।

प्रदेश में अभियान का असर

  • देहरादून से 11 सैंपल, हल्द्वानी से 2, अल्मोड़ा से 1, और बागेश्वर से 2 सैंपल लिए जा चुके हैं।
  • अब तक प्रदेशभर से 350 से अधिक सैंपल जांच के लिए प्रयोगशालाओं को भेजे गए हैं।
  • ऋषिकेश में विशेष सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और परिवार रहते हैं।

स्वस्थ उत्तराखंड की ओर कदम

यह अभियान राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा है। मुख्यमंत्री धामी की पहल से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उत्तराखंड में कोई भी जहरीली या निम्न-गुणवत्ता वाली दवा बच्चों तक न पहुंचे। ऋषिकेश जैसे शहरों में यह कदम न सिर्फ स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि फार्मा उद्योग में क्वालिटी स्टैंडर्ड्स भी ऊंचे करेगा।

Rishikesh News

RishikeshNews.com में हम उत्तराखण्ड और ऋषिकेश की ताज़ा खबरें और महत्वपूर्ण अपडेट सरल और भरोसेमंद तरीके से पाठकों तक पहुँचाते हैं।

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *