देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश पर उत्तराखंड सरकार ने आगामी त्योहारों के मद्देनजर राज्यव्यापी विशेष अभियान की शुरुआत कर दी है। इस अभियान का उद्देश्य मिलावटी और असुरक्षित खाद्य पदार्थों की रोकथाम करना है।
अभियान का दायरा और उद्देश्य
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत यह अभियान राज्य के सभी जिलों में एक साथ चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि अभियान में विशेष निगरानी रखी जाएगी:
- दूध और दूध से बने उत्पाद
- खाद्य तेल, मसाले, आटा, मैदा, बेसन
- सूखे मेवे और अन्य खाद्य पदार्थ
कार्यप्रणाली और कानूनी कार्रवाई
- निर्माण इकाइयों, थोक और रिटेल विक्रेताओं, तथा ट्रांसपोर्टेशन चैनल से नमूने लिए जाएंगे।
- नमूनों को सरकारी प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजा जाएगा।
- असुरक्षित या मानव उपभोग योग्य न पाए जाने वाले उत्पादों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई होगी।
- मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर FIR दर्ज, लाइसेंस रद्द और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजकीय खाद्य प्रयोगशालाओं को हर सप्ताह जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकता तय कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। Schedule-IV और FSSAI मानक का उल्लंघन करने वालों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा-32 के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
शिकायत और जन-जागरूकता
- आम लोग विभाग की टोल फ्री हेल्पलाइन और WhatsApp नंबर पर सीधे शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
- सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
- खाद्य नमूनों की जांच दिल्ली स्थित FSSAI और उत्तराखंड की मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में कराई जाएगी।
- हर सप्ताह जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी ताकि पारदर्शिता और जनता की जानकारी बनी रहे।