हेमकुंड से केदारनाथ तक बर्फ की चादर

हेमकुंड से केदारनाथ तक बर्फ की चादर — 30 साल बाद अक्टूबर में ऐसी बर्फबारी से दून तक ठिठुरन!

देहरादून: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी ने जहां ठंड बढ़ा दी है, वहीं पहाड़ों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। हेमकुंड साहिब में दो फीट तक बर्फ जम चुकी है, जबकि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की चोटियां बर्फ से ढकी हुई हैं।

हेमकुंड साहिब और लोकपाल मंदिर का ट्रैक पूरी तरह बर्फ से भर गया है। श्रद्धालुओं को आवाजाही में दिक्कतें झेलनी पड़ीं, हालांकि पुलिस और एसडीआरएफ के जवान मार्गों पर तैनात रहे और यात्रियों की मदद करते रहे। यहां 10 अक्तूबर को कपाट बंद होने हैं, उससे पहले ही बर्फबारी ने तीर्थयात्रा को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

बदरीनाथ धाम में भी रुक-रुककर बर्फबारी होती रही, हालांकि बर्फ जम नहीं पाई। वहीं केदारनाथ में मंगलवार को भी सुबह हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विभाग के अलर्ट के चलते दो दिनों तक फूलों की घाटी बंद रही, जहां अब घाटी बर्फ से लकदक हो गई है।

समय से पहले हुई इस बर्फबारी ने सीमांत गांवों में मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नीती घाटी के गमशाली, फरकिया, द्रोणागिरी, बाम्पा और मलारी गांव बर्फ में दबे हैं। इन इलाकों में फसल की कटाई अभी बाकी है, जिससे फसलों को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। माणा और नीती की अग्रिम चौकियां भी पूरी तरह बर्फ से ढक चुकी हैं।

करीब 30 साल बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में इस तरह की बर्फबारी देखने को मिली है। ठंडी हवाओं का असर अब मैदानी इलाकों, खासकर देहरादून और ऋषिकेश तक महसूस किया जा रहा है। मौसम विभाग ने फिलहाल पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी किया है।

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