ऋषिकेश। शहर में हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच यात्रियों और श्रद्धालुओं को लंबे समय तक जाम में फंसे रहने की समस्या जल्द ही समाप्त होने वाली है। लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ऋषिकेश बाईपास के लिए नया अलाइनमेंट तय कर लिया है। नई योजना के अनुसार बाईपास कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को टनल से पहले ओवरब्रिज के माध्यम से पार करेगा, जिससे निर्माण प्रक्रिया सुचारू और तेज़ होगी।
ऋषिकेश-बाईपास परियोजना करीब 15 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर लगभग 1,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। बाईपास बनने के बाद नेशनल हाईवे पर रोज़ाना लगने वाले जाम में भारी कमी आएगी। यह मार्ग विशेष रूप से चारधाम यात्रियों, पर्यटकों और कांवड़ यात्रियों के लिए सहूलियत प्रदान करेगा।
पहले प्रस्तावित रूट शहर के कई हिस्सों से होकर गुजर रहा था, जिससे निर्माण के दौरान कई भवनों को हटाना पड़ता। इसे ध्यान में रखते हुए नए अलाइनमेंट का चयन किया गया। अब बाईपास श्यामपुर फाटक के पास एलिवेटेड रोड से शुरू होकर भत्तेवाला और मनसा देवी मंदिर के पास से गुजरेगा। इसके बाद गीता नगर से आगे चंद्रभागा नदी के ऊपर बने पुल के माध्यम से बाईपास शहर के मुख्य मार्ग से जुड़ जाएगा।
ऋषिकेश के व्यास कालोनी के पास स्थित शिव मंदिर से गुजरते हुए बाईपास ओवरब्रिज के जरिए कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को पार करेगा। इससे शहर के स्थानीय लोगों और यात्रियों दोनों को सुविधा होगी और निर्माण कार्य में बाधाओं की संभावना भी कम होगी।
लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि नए अलाइनमेंट के चयन से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि बाईपास का निर्माण भी समय पर पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना शहर और आसपास के क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
परियोजना के पूरा होने के बाद न केवल यात्रा का समय आधा हो जाएगा, बल्कि धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों के दौरान भी ट्रैफिक मैनेजमेंट आसान होगा। परियोजना के तहत विभिन्न विभागों द्वारा आवश्यक डीपीआर तैयार करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
बाईपास निर्माण के साथ ही सड़क किनारे की सुविधाओं जैसे चेंजिंग रूम, शेड्स और अन्य यात्री सुविधाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा। इससे चारधाम यात्रा सहित अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान यात्री सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस परियोजना को पूरा करने के लिए तकनीकी रूप से आधुनिक निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने बताया कि इस नए अलाइनमेंट से स्थानीय निवासियों के जीवन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी और परियोजना का लाभ पूरे क्षेत्र को मिलेगा।
ऋषिकेश-बाईपास की यह पहल क्षेत्रीय विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी।