हरिद्वार: हरिद्वार के सिडकुल थाना क्षेत्र में एक विवाहिता संदिग्ध परिस्थितियों में बुरी तरह झुलस गई। मायके पक्ष ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग को लेकर पेट्रोल डालकर जलाने का गंभीर आरोप लगाया है। करीब 70 फीसदी झुलसी विवाहिता को गंभीर हालत में एम्स (AIIMS) रेफर कर दिया गया है। पुलिस ने पति सहित चार ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि, पीड़िता ने तहसीलदार के सामने दिए बयानों में खुद ही आग लगाने की बात कही है। मामला संदिग्ध होने के कारण पुलिस ने गहन जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण: दहेज प्रताड़ना का आरोप
पुलिस के अनुसार, पीड़िता भारती (पति: आशीष) की शादी 27 अक्टूबर 2024 को हेत्तमपुर, रोशनाबाद निवासी विजय सिंह के पुत्र आशीष के साथ हुई थी। भारती के भाई जयप्रकाश, डोईवाला निवासी, ने बताया कि शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष दहेज की मांग को लेकर भारती को लगातार प्रताड़ित कर रहा था।
जयप्रकाश ने आरोप लगाया कि 24 सितंबर 2025 को भारती ने एक बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद ससुरालियों का अत्याचार और बढ़ गया। उन्होंने कहा, “बेटी के जन्म पर ससुराल पक्ष नाराज हो गया और दहेज की मांग तेज कर दी।” 11 अक्टूबर की शाम को कथित तौर पर पति आशीष और उसके परिवार के सदस्यों ने भारती पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। घटना के बाद भारती को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई।
पीड़िता का बयान: खुद आग लगाने का दावा
सिडकुल थाना प्रभारी नितेश शर्मा ने बताया कि पीड़िता भारती 70 फीसदी झुलसी हुई है। तहसीलदार सचिन कुमार ने अस्पताल पहुंचकर पीड़िता के बयान दर्ज किए। बयान में भारती ने कहा कि उसने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई है और किसी के द्वारा प्रताड़ित करने से इंकार किया है।
थाना प्रभारी ने कहा, “मायके पक्ष की तहरीर के आधार पर पति आशीष सहित चार ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पीड़िता का बयान संदिग्ध है, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
राज्य महिला आयोग का संज्ञान: कठोर सजा का वादा
इस मामले ने राज्य महिला आयोग का ध्यान आकर्षित कर लिया है। आयोग की चेयरमैन कुसुम कंडवाल ने शिकायत मिलते ही एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल को निर्देश दिए हैं कि मामले की तत्काल और निष्पक्ष जांच की जाए। आरोप सही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
कंडवाल ने कहा, “दहेज प्रताड़ना और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के किसी भी मामले को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसी भी कीमत पर आरोपी बख्शे नहीं जाएंगे। हर दोषी को कानून के तहत कठोरतम सजा दिलाई जाएगी।” आयोग ने पीड़िता के स्वास्थ्य की भी जानकारी ली है और आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है।
दहेज हिंसा: एक सामाजिक समस्या
यह घटना उत्तराखंड में दहेज संबंधी हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बेटी के जन्म पर भी दहेज की मांग करना सामाजिक कुरीतियों का प्रतीक है। पुलिस और महिला संगठनों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और जागरूकता अभियानों पर जोर दिया है। स्थानीय निवासियों ने भी इस मामले में न्याय की मांग की है।
पुलिस ने अपील की है कि दहेज या घरेलू हिंसा के शिकार लोग तुरंत थाने या महिला हेल्पलाइन (1091) पर संपर्क करें। मामले की जांच जारी है, और जल्द ही निष्कर्ष पर पहुंचने का दावा किया गया है।