देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने सोशल मीडिया पर प्रधानाचार्य पद की नियुक्तियों और स्थानांतरण को लेकर उठ रहे सवालों पर अपनी सफाई दी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियुक्ति और ट्रांसफर से जुड़ी अफवाहें पूरी तरह से गलत हैं और गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ विधिसम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक मुकुल कुमार सती ने बताया कि राज्य शैक्षिक राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 692 पद (कुल 50%) उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के जरिए सीमित विभागीय परीक्षा से भरे जाएंगे। आयोग विज्ञापन जारी कर चुका है और परीक्षा की तारीख भी घोषित है, लेकिन परीक्षा अभी आहूत होनी बाकी है।
स्थानांतरण को लेकर भी दी स्पष्टीकरण
शिक्षा विभाग ने यह भी कहा कि वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के अंतर्गत शैक्षिक सत्र 2025-26 में कोई भी स्थानांतरण आदेश पारित नहीं हुआ है। हाईकोर्ट में सुगम-दुर्गम स्थानांतरण से संबंधित वाद विचाराधीन है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर स्थानांतरण को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
नियुक्तियों पर कोर्ट में मामला
सहायक अध्यापक के 1,352 पदों पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेकिन कुछ अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसके चलते नियुक्ति प्रक्रिया बाधित है। सरकार कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही आगे का निर्णय ले रही है।