हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद, 139 दिन चली यात्रा संपन्न

बर्फबारी के बीच हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद, श्रद्धालुओं ने ली अंतिम अरदास में भागीदारी

चमोली। सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट आज शुक्रवार दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद हो गए हैं। बीते कुछ दिनों में हुई बर्फबारी से पूरा क्षेत्र सफेद चादर से ढक गया है, जिससे वातावरण और भी दिव्य हो उठा।

अंतिम अरदास के साथ कपाट बंद

हेमकुंड साहिब के कपाट बंद, दोपहर एक बजे हुई अंतिम अरदास — 2.72 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

शुक्रवार सुबह सुखमणी साहिब के पाठ के साथ कपाट बंद करने की प्रक्रिया आरंभ हुई। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि कीर्तन और अरदास के बाद गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में सुशोभित किया गया। दोपहर 1 बजे अंतिम अरदास के बाद कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

कपाट बंद होने के साक्षी बनने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे। हर वर्ष की तरह इस बार भी अंतिम अरदास का भावनात्मक दृश्य देखने को मिला।

लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद

लोकपाल लक्ष्मण मंदिर, जो हेमकुंड गुरुद्वारा परिसर में ही स्थित है, उसके कपाट दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए गए। यह मंदिर भगवान लक्ष्मण जी को समर्पित है, जिनसे इस स्थान का धार्मिक महत्व जुड़ा हुआ है।

2.72 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

उत्तराखंड: बर्फबारी के बीच हेमकुंड साहिब के कपाट बंद, लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी हुए बंद

इस वर्ष 25 मई को कपाट खोले गए थे और 10 अक्तूबर को बंद हुए, इस प्रकार हेमकुंड यात्रा कुल 139 दिन चली। इस अवधि में 2 लाख 72 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किए। यात्रा के दौरान प्रशासन और ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए थे।

बर्फ से ढका तीर्थक्षेत्र

हिमालय की गोद में हेमकुंड साहिब यात्रा समाप्त, श्रद्धालुओं ने ली अंतिम अरदास में भागीदारी

कपाट बंद होने से पहले हुई ताजा बर्फबारी से हेमकुंड घाटी एक बार फिर सफेद बर्फ की चादर में लिपट गई। यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय रहा। स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि अब मौसम अनुकूल होने तक यात्रा स्थगित रहेगी।

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