यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा पर बड़ा फैसला जल्द

यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा पर बड़ा फैसला जल्द, निरस्ती की मांग तेज

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय समूह-ग भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। परीक्षार्थियों और युवाओं की ओर से परीक्षा निरस्त करने की मांग के बीच सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही परीक्षा निरस्त करने की घोषणा कर सकती है।

मुख्यमंत्री धामी का वादा: “हर छात्र को मिलेगा न्याय”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह छात्रों और युवाओं के हित में हर संभव कदम उठाएंगे। शुक्रवार को भाजपा विधायकों ने भी सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर परीक्षा निरस्त करने की मांग का समर्थन किया। विधायकों ने इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

पेपर लीक प्रकरण और त्वरित कार्रवाई

21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र के कुछ अंश लीक होने का मामला सामने आया था। सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए एसआईटी गठन के साथ-साथ सेवानिवृत्त न्यायाधीश यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया।

युवाओं का आंदोलन और सीबीआई जांच की घोषणा

पेपर लीक के बाद युवाओं का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की। मुख्यमंत्री धामी ने न केवल आंदोलनकारी युवाओं से मुलाकात की, बल्कि उनकी मांग को स्वीकार करते हुए सीबीआई जांच की घोषणा भी की। इस दौरान भावुक होते हुए उन्होंने कहा, “जब तक मैं जीवित हूं, हर एक छात्र को न्याय मिलेगा। जरूरत पड़ी तो सिर कटाने से भी पीछे नहीं हटूंगा।” उनके इस बयान का असर हुआ और युवाओं ने तुरंत आंदोलन स्थगित कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी।

जांच आयोग और विधायकों की मांग

एकल सदस्यीय जांच आयोग की जन सुनवाई में भी युवाओं, परीक्षार्थियों और अन्य हितधारकों ने परीक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करते हुए इसे निरस्त करने की मांग उठाई। शुक्रवार को भाजपा विधायक खजान दास, दिलीप रावत, विनोद कंडारी, बृजभूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट, रेणु बिष्ट और प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर परीक्षार्थियों की मांग का समर्थन किया।

मुख्यमंत्री धामी इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार जल्द ही परीक्षा निरस्त करने का फैसला ले सकती है। यह कदम न केवल युवाओं के हित में होगा, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को भी सुनिश्चित करेगा।

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