देहरादून: सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में बुधवार को सचिव जलागम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARRA) श्री दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में पूरे राज्य में जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन से जुड़ी प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही कुल ₹2,468.55 लाख (₹24.68 करोड़) की आठ नई कार्ययोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई, जिनमें से ₹1,861.16 लाख की धनराशि SARRA द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
श्री जावलकर ने सभी जिलों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” की अवधारणा पर आधारित जल संरक्षण कार्ययोजनाएँ तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर SARRA समितियों की नियमित बैठकें कर प्रस्तावों को आगामी राज्य स्तरीय बैठक में प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि जल संरक्षण कार्यों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। ग्राम पंचायत स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समितियों का गठन शीघ्र किया जाए, जिन्हें वित्तीय और तकनीकी सहयोग SARRA द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
श्री जावलकर ने पारंपरिक धारों और नौलों की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि इन संरचनाओं का पुनर्जीवन स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का माध्यम भी बनेगा। इसके लिए पैराहाइड्रोलॉजिस्टों की तैनाती करने के निर्देश दिए गए।
सचिव ने जल संरक्षण हेतु ईको-फ्रेंडली संरचनाएँ विकसित करने और शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता को इस अभियान से जोड़ने पर भी जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि वर्षा काल के बाद RCC चेक डैमों की स्थिति का मूल्यांकन किया जाए ताकि भविष्य की योजनाओं में सुधार लाया जा सके।
बैठक के दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहकशां नसीम ने आठ कार्ययोजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इनमें पौड़ी की तीन, नैनीताल की दो, चंपावत की एक और पिथौरागढ़ की दो योजनाएँ शामिल हैं।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ. ए.के. डिमरी, परियोजना निदेशक कुमाऊं डॉ. एस.के. उपाध्याय, परियोजना निदेशक गढ़वाल डॉ. एन.एस. बर्फाल, NIH, IIT रुड़की, केंद्रीय भूजल बोर्ड सहित विभिन्न विभागों और एनजीओ के प्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।