देहरादून: उत्तराखंड में आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हाल ही में हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले ने पूरे परीक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी वजह से सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने का फैसला लिया है।
इस बीच, अभ्यर्थियों की मांग को देखते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 5 अक्टूबर को होने वाली सहकारी निरीक्षक वर्ग 2 की परीक्षा को स्थगित कर दिया है। हालांकि, नई तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है।
12 अक्टूबर की परीक्षा पर भी संशय
प्रदेश में 12 अक्टूबर को प्रस्तावित सहायक कृषि अधिकारी वर्ग 1 और प्राविधिक सहायक वर्ग 1 की परीक्षा को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। फिलहाल आयोग ने कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन जिस तरह से हालात बने हुए हैं, उससे लगता है कि इस परीक्षा पर भी असर पड़ सकता है।
पेपर लीक मामले की जांच
पेपर लीक प्रकरण की जांच एसटीएफ कर रही है। मुख्य आरोपी खालिद के खिलाफ कई नए तथ्य सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि खालिद किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की गंभीर तैयारी नहीं कर रहा था।
- उसके घर से न तो नोटबुक मिलीं और न ही प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी किताबें।
- इसके बावजूद वह लगातार कई परीक्षाओं में आवेदन करता रहा।
- जांच एजेंसियों का मानना है कि खालिद लंबे समय से नकल के जरिए परीक्षा पास करने की कोशिश कर रहा था।
राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सीबीआई को सौंपने का भी निर्णय लिया है।
आयोग का बयान
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया ने कहा कि 5 अक्टूबर की परीक्षा अभ्यर्थियों के अनुरोध और मौजूदा हालात को देखते हुए स्थगित की गई है। वहीं, 12 अक्टूबर की परीक्षा को लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
पेपर लीक प्रकरण ने न सिर्फ परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अभ्यर्थियों की तैयारियों पर भी गहरा असर डाला है। अब सबकी निगाहें आयोग और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।