देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा में पेपर लीक मामले ने एक बार फिर बड़ा तूल पकड़ लिया है। इस मामले पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की घोषणा की है।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन और पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. दीपीम सेठ ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि 21 सितंबर, रविवार को आयोजित अध्ययन सेवा योजना (Adhyayan Seva Yojana) की परीक्षा की पूरी जांच SIT के हवाले की जा रही है।
SIT की जिम्मेदारी और निगरानी
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा कि इस परीक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की गहन और निष्पक्ष जांच की जाएगी। SIT की कमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (Addl. SP) स्तर के अधिकारी को दी जाएगी।
साथ ही, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए SIT की जांच प्रक्रिया की सीधी निगरानी एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर वे पूरे राज्य का भ्रमण भी करेंगे।
जांच पूरी होने तक परीक्षा पर रोक
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि एक महीने के भीतर जांच पूरी कर ली जाएगी। इस दौरान 21 सितंबर को हुई परीक्षा को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा—
“यदि जांच में कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
सरकार का सख्त रुख
डीजीपी डॉ. दीपम सेठ ने कहा कि पेपर लीक जैसी घटनाओं ने युवाओं के भविष्य और परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाए हैं। ऐसे में सरकार और पुलिस विभाग किसी भी साजिशकर्ता को बख्शने के मूड में नहीं है।
सरकार का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल युवाओं के विश्वास को तोड़ती हैं बल्कि राज्य की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए SIT की जांच का उद्देश्य दोषियों को सजा दिलाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर पूर्ण रोक लगाना है।