तपोवन: तपोवन नगर पंचायत एवं नगरपालिका परिषद मुनि की रेती क्षेत्र में विकास प्राधिकरण की कार्यवाही को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण और उनके अधिकारियों द्वारा “चुनिंदा व्यक्तियों” पर ही कार्रवाई की जा रही है, जबकि बाकी मामलों पर मौन साधा जा रहा है।
जनता ने इसे पक्षपात, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक मनमानी करार देते हुए कहा कि यह न केवल असमानता और अन्याय है, बल्कि जिला प्रशासन की ईमानदारी और निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
जनता की प्रमुख मांगें:
- या तो सभी पर समान और निष्पक्ष कार्रवाई की जाए, या फिर किसी पर भी कार्रवाई न की जाए।
- A से Z तक पूरा ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए कि किन-किन बिल्डिंग्स पर कार्रवाई हुई और किन पर नहीं। सूची में नाम, पता और लोकेशन स्पष्ट हो।
- यदि किसी को छोड़ा गया तो यह स्पष्ट प्रमाण होगा कि प्राधिकरण भ्रष्टाचार और मिलीभगत में लिप्त है।
जनता की चेतावनी
जनता ने साफ कहा है कि अब धैर्य टूट चुका है। यदि निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो किसी भी क्षण आक्रोशित जनता सड़कों पर उतर सकती है। इसकी पूरी जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और जिला प्रशासन पर होगी।
सार्वजनिक स्पष्टिकरण
पत्र में यह भी लिखा गया है कि जनता का उद्देश्य किसी का विरोध करना नहीं है, बल्कि केवल यह मांग है कि नियम सबके लिए बराबर हों।