नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने अपनी परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए कई बड़े सुधार लागू किए हैं। अब उम्मीदवार परीक्षा के बाद अपने प्रश्न पत्र, दिए गए उत्तर और सही उत्तर देख सकेंगे। इस कदम से परीक्षार्थियों को पारदर्शिता मिलेगी और वे उत्तर कुंजी को सबूतों के साथ चुनौती भी दे सकेंगे। साथ ही वे अपने निजी उपयोग के लिए इसकी प्रतियां भी रख पाएंगे।
बहु-पाली परीक्षाओं में रहेगी रोक
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह सुधार परीक्षा की निष्पक्षता और उम्मीदवारों के हितों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में अहम कदम है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रश्नपत्र और उत्तर देखने की सुविधा केवल उन्हीं परीक्षाओं में सीमित होगी जो बहु-पाली (Multi-shift exams) में आयोजित की जाती हैं। इससे आगामी सत्रों के प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बनी रहेगी।
उम्मीदवारों की सहूलियत के लिए नई व्यवस्था
एसएससी, केंद्र सरकार की सबसे बड़ी भर्ती एजेंसी है जो विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में अराजपत्रित पदों के लिए भर्ती करती है। अब आयोग नियमित अंतराल पर चुनिंदा पुराने प्रश्नपत्रों को आधिकारिक नमूना सेट के रूप में भी उपलब्ध कराएगा। इससे परीक्षार्थियों को प्रामाणिक अध्ययन सामग्री मिल सकेगी और गोपनीयता भी सुरक्षित रहेगी।
शुल्क घटाकर किया 50 रुपये प्रति प्रश्न
उम्मीदवार-अनुकूल प्रक्रिया बनाने के लिए आयोग ने चुनौतीपूर्ण प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज कराने का शुल्क भी आधा कर दिया है। पहले यह 100 रुपये प्रति प्रश्न था, लेकिन अब केवल 50 रुपये प्रति प्रश्न लगेगा। साथ ही, मौजूदा टोल-फ्री हेल्पलाइन (1800-309-3063) के अलावा एक ऑनलाइन फीडबैक और शिकायत पोर्टल भी शुरू किया गया है ताकि परीक्षार्थियों की समस्याओं का जल्द समाधान हो सके।
इक्वी-पर्सेंटाइल प्रणाली लागू
बयान में यह भी बताया गया कि अब इक्वी-पर्सेंटाइल पद्धति को लागू किया गया है। इसके तहत उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनके मूल अंकों के बजाय प्रतिशत अंकों के आधार पर होगा। इससे अलग-अलग शिफ्ट की कठिनाई स्तर में अंतर से किसी को अतिरिक्त लाभ या हानि नहीं होगा।
डिजिटल वॉल्ट से होगा पेपर सुरक्षित
परीक्षा सुरक्षा बढ़ाने के लिए अब प्रश्नपत्र डिजिटल वॉल्ट के माध्यम से भेजे जाएंगे, जिससे लीक होने की संभावना काफी कम हो जाएगी। साथ ही, आईटी एजेंसियों की मदद से हैकिंग और अन्य कदाचार पर भी रोक लगाने के उपाय किए गए हैं।