Staff Selection Commission: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की CGL 2025 समेत अन्य परीक्षाओं में कुप्रबंधन और अनियमितताओं को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश है। शुक्रवार को एसएससी अभ्यर्थियों और छात्र संगठनों ने प्रेस वार्ता आयोजित कर आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हालिया परीक्षाओं में तकनीकी गड़बड़ियों और प्रशासनिक लापरवाही ने परीक्षा की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अभ्यर्थियों ने CGL 2025, स्टेनोग्राफर, और सिलेक्शन फेज परीक्षाओं में हुई खामियों पर आपत्ति जताई।
उन्होंने मांग की कि:
- सभी विवादित परीक्षाओं को रद्द किया जाए
- अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ली जाए
- एक स्वतंत्र “छात्र आयोग” (Student Commission) का गठन किया जाए
छात्रों ने आरोप लगाया कि एसएससी ने इस बार की परीक्षाओं में परीक्षा की अखंडता और विश्वसनीयता से खिलवाड़ किया है।
16 प्रमुख खामियों की सूची पर चर्चा
अभ्यर्थियों ने आयोग की परीक्षाओं में सामने आई 16 प्रमुख खामियों को विस्तार से रखा। इनमें शामिल हैं,
- परीक्षा केंद्रों पर वेबकैम और सीसीटीवी निगरानी की कमी
- ग्लिच के बावजूद पुनः परीक्षा न कराना
- सिस्टम क्षमता से अधिक रोल नंबर जारी करना
- फीडबैक बटन निष्क्रिय रहना
- अभ्यर्थियों को दूरस्थ परीक्षा केंद्र (जैसे जयपुर के छात्रों को मैसूर) देना
- आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल पर छात्रों की शिकायतें ब्लॉक करना
अभ्यर्थियों का आरोप — “तकनीकी खराबी नहीं, सिस्टम की विफलता है”
अभ्यर्थियों ने दावा किया कि कई परीक्षा केंद्र गैर-तकनीकी भवनों, जैसे आवासीय परिसरों और बैंक्वेट हॉल में बनाए गए। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती, खराब सिस्टम, और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हुआ है।
अभ्यर्थी राम ने कहा, “यह महज तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी है। परीक्षा केंद्रों की पूर्व-जांच क्यों नहीं हुई? ऐसे निकृष्ट स्तर के वेंडर को अनुमति क्यों दी गई?”
प्रश्नपत्र और वेंडर चयन पर भी सवाल
अभ्यर्थी अभिषेक चौधरी ने आरोप लगाया कि कई शिफ्टों में 15 से अधिक प्रश्न तकनीकी रूप से गलत या अस्पष्ट थे। उन्होंने पूछा कि जब एडुक्विटी कैरियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को वेंडर के रूप में चयनित किया गया, तो क्वालिटी कंट्रोल और प्रश्न बैंक की पूर्व-जांच क्यों नहीं की गई?
छात्र संगठनों ने चेताया — “अगर जवाब नहीं मिला तो आंदोलन”
अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि आयोग ने जल्द पारदर्शी जांच और सुधार के कदम नहीं उठाए, तो वे देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। उनका कहना है कि SSC जैसी केंद्रीय संस्था से पारदर्शिता की उम्मीद होती है, लेकिन मौजूदा हालात में अभ्यर्थियों का भरोसा टूटता जा रहा है।