ऋषिकेश। सामरिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना (Rishikesh-Karnaprayag Rail Project) में एक और बड़ी प्रगति हुई है। रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने बुधवार को आठ नए रेलवे स्टेशनों के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। इनमें पैकेज-दो के चार स्टेशन और पैकेज-तीन के चार स्टेशन शामिल हैं।
कंपनियां इन टेंडरों को 28 अक्टूबर 2025 तक भर सकेंगी और 21 नवंबर 2025 को इन्हें खोला जाएगा। जनवरी 2026 से इन स्टेशनों के निर्माण कार्य शुरू होने की तैयारी है।
कौन-कौन से स्टेशन शामिल?
परियोजना में कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इनमें से वीरभद्र और योगनगरी ऋषिकेश स्टेशन पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं और यहां से ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है।
- निर्माणाधीन स्टेशन: शिवपुरी और व्यासी
- पैकेज-दो के स्टेशन: देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर (चौरास)
- पैकेज-तीन के स्टेशन: धारी देवी, तिलनी, घोलतीर और गौचर
आरवीएनएल के उप महाप्रबंधक (सिविल) ओपी मालगुड़ी ने बताया कि पैकेज-दो के स्टेशनों का निर्माण 163.45 करोड़ रुपये और पैकेज-तीन के स्टेशनों का निर्माण 126.16 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
कर्णप्रयाग स्टेशन होगा टर्मिनल
इस परियोजना का सबसे बड़ा स्टेशन कर्णप्रयाग होगा। इसके लिए 20 नवंबर 2025 को टेंडर जारी किए जाएंगे।
- यह स्टेशन टर्मिनल (टर्मिनस) के रूप में विकसित किया जाएगा।
- यहां 26 रेल लाइनें बिछाई जाएंगी।
- काम जून 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है।
परियोजना की मुख्य बातें
- कुल लागत: ₹16,216 करोड़
- शुरुआत: 2019
- लक्ष्य: 2026 तक पूर्ण
- कुल लंबाई: 126 किमी
- सुरंगें: 17 (कुल 105 किमी सुरंग से होकर)
- सबसे लंबी सुरंग: 14.08 किमी (देवप्रयाग-जनासू के बीच)
- सबसे छोटी सुरंग: 200 मीटर (सेवई-कर्णप्रयाग के बीच)
- छह किमी से अधिक लंबाई वाली सुरंगें: 11
सामरिक और धार्मिक महत्व
यह रेल लाइन न केवल उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए एक अहम कड़ी साबित होगी बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस मार्ग से उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों तक पहुंच आसान होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।