ऋषिकेश: एम्स (AIIMS Rishikesh) में कार्डियो विभाग के सीसीयू निर्माण (CCU Construction Fraud) में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। 2.73 करोड़ रुपये के घोटाले में डिफिब्रिलेटर और अन्य जीवनरक्षक उपकरण गायब पाए गए। सीबीआई ने इस मामले में पूर्व डायरेक्टर डॉ. रविकांत, एडिशनल प्रोफेसर डॉ. राजेश पसरीचा और स्टोर कीपर रूप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सीबीआई जांच के अनुसार:
- कार्डियो विभाग के कौरनरी केयर यूनिट (CCU) के निर्माण का टेंडर दिसंबर 2017 में मैसर्स प्रो मेडिक डिवाइसेस, दिल्ली को आवंटित किया गया।
- निर्माण पूरा होने के बाद एडिशनल प्रोफेसर डॉ. राजेश पसरीचा ने संतोषजनक कार्य का प्रमाणपत्र दिया।
- स्टोर कीपर रूप सिंह ने फर्जी प्रमाणपत्र जारी किया और सामान को सेंट्रल स्टोर में दर्ज किया।
सीबीआई ने निरीक्षण के दौरान पाया कि:
- सीसीयू निर्माण अधूरा था।
- डिफिब्रिलेटर, पर्दे, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और अन्य महंगे उपकरण गायब थे।
- फर्श टूटा हुआ था, सीलिंग और दीवार पैनलिंग में अंतर था।
गायब उपकरण और राशि
उपकरण | राशि (₹) |
---|---|
ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर | 2,79,500 |
सर्जन कंट्रोल पैनल | 5,85,000 |
मोटराइज्ड ब्लेंड विंडो | 5,20,000 |
इलेक्ट्रिकल वर्क | 5,20,000 |
16 बेड के लिए पार्टिशन व पर्दे | 11,440 |
मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम | 98,00,000 |
डिफिब्रिलेटर | 13,30,641 |
सक्शन मशीन | 1,21,781 |
16 एयर प्यूरीफायर | 44,57,143 |
कुल | 1,76,25,505 |
निर्माण में अन्य अनियमितताएं
निर्माण कार्य | बिल में क्षेत्रफल (वर्गमीटर) | असल क्षेत्रफल (वर्गमीटर) | घोटाला (₹) |
---|---|---|---|
दीवार पैनलिंग | 362 | 224.71 | 89,23,850 |
सीलिंग | 271 | 259 | 7,80,000 |
कुल | – | – | 97,03,850 |
कुल मिलाकर, सीसीयू निर्माण में उपकरण और निर्माण सामग्री में भारी अंतर और फर्जी प्रमाणपत्र जारी होने के कारण कुल घोटाला 2.73 करोड़ रुपये का पाया गया।
सीबीआई ने इस मामले में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में पूर्व डायरेक्टर, प्रोफेसर और स्टोर कीपर के खिलाफ केस दर्ज किया है।