नवरात्रि 2025 में हर दिन मां दुर्गा के एक स्वरूप की पूजा की जाती है। इस नौ दिवसीय पर्व के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है। वे शौर्य, शांति और संरक्षण की देवी हैं।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप भक्तों को यह संदेश देता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ क्यों न हों, साहस और संयम से सब पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
मां चंद्रघंटा कौन हैं?
मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा रूप हैं। वे सिंह पर सवार होती हैं और उनके दस भुजाओं में विभिन्न शस्त्र रहते हैं। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र है, जो घंटी (घंटा) के आकार का दिखाई देता है। इसी कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।
उनका स्वरूप जहां एक ओर रौद्र है और असुरों का नाश करने वाला है, वहीं दूसरी ओर भक्तों के लिए वे असीम करुणा और शांति का प्रतीक हैं।
मां चंद्रघंटा की कथा
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह स्वीकार किया, तब उनके विवाह की तैयारी देवताओं और ऋषियों द्वारा भव्य रूप से की गई।
भगवान शिव जब अपनी बारात लेकर आए, तो उनका रूप भयानक था—वे बाघ की खाल पहने, सर्पों से अलंकृत और भूत-प्रेतों के साथ आए। इस स्वरूप को देखकर माता पार्वती के रिश्तेदार और परिवारजन भयभीत हो गए।
मां पार्वती ने यह देखा तो उन्होंने तुरंत अपना चंद्रघंटा स्वरूप धारण किया। इस स्वरूप में वे सिंह पर आरूढ़ हुईं और दस भुजाओं में शस्त्र धारण कर प्रकट हुईं। उनकी दिव्य आभा और तेज से सम्पूर्ण वातावरण शांत और पवित्र हो गया।
इस रूप ने भगवान शिव के भयंकर स्वरूप को भी संतुलित कर दिया और विवाह शुभता के साथ सम्पन्न हुआ। इसीलिए मां चंद्रघंटा को शक्ति और शांति का अद्वितीय संगम माना जाता है।
नवरात्रि दिन 3 पर पूजा का महत्व
- भय और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
- आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति में वृद्धि
- परिवार में शांति और समृद्धि का आगमन
- जीवन की सभी बाधाओं और संकटों से मुक्ति
नवरात्रि दिन 3: शुभ मुहूर्त (24 सितंबर 2025)
अवसर | समय |
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ब्रह्म मुहूर्त | 04:36 am – 05:23 am |
प्रातः संध्या | 05:00 am – 06:11 am |
अभिजीत मुहूर्त | 11:48 am – 12:36 pm |
विजय मुहूर्त | 02:13 pm – 03:02 pm |
गोधूलि मुहूर्त | 06:15 pm – 06:39 pm |
सायं संध्या | 06:15 pm – 07:27 pm |
अमृत काल | 10:15 am – 11:59 am |
निषीथ मुहूर्त | 11:49 pm – 12:36 am (25 सितंबर) |
(समय Drik Panchang के अनुसार)
⚪ आज का शुभ रंग: सफेद
नवरात्रि के तीसरे दिन सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग पवित्रता, शांति और आत्मबल का प्रतीक है। सफेद वस्त्र धारण कर पूजा करने से मां चंद्रघंटा प्रसन्न होती हैं और साधक को मानसिक शांति व शक्ति प्राप्त होती है।
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान कर सफेद वस्त्र पहनें।
- स्वच्छ वेदी पर मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- देवी को चमेली और कमल के फूल अर्पित करें।
- घी का दीपक और धूप-अगरबत्ती जलाएं।
- फल, मिठाई और भोग चढ़ाते हुए मंत्र जप करें।
- मंत्र: “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” (108 बार जप)।
- अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
🌺 मां चंद्रघंटा का आशीर्वाद
- भय से मुक्ति और आत्मबल की प्राप्ति
- परिवार में शांति और सौहार्द
- मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा
- जीवन की चुनौतियों से निपटने की शक्ति
नवरात्रि 2025 का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा को समर्पित है। उनकी कथा हमें यह सिखाती है कि साहस और संयम से हर कठिनाई का समाधान संभव है। उनकी आराधना से भक्तों को शांति, समृद्धि और दिव्य शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।