मसूरी में ‘ऑपरेशन लगाम’ पर बवाल

मसूरी में ‘ऑपरेशन लगाम’ पर बवाल: स्थानीय व्यापारियों और संगठनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

मसूरी: उत्तराखंड की खूबसूरत पर्यटन नगरी मसूरी में चल रहा ‘ऑपरेशन लगाम’ अब विवादों के घेरे में आ गया है। स्थानीय व्यापारियों, भाजपा मंडल और सामाजिक संगठनों ने इस अभियान के तहत हो रही पुलिस कार्रवाई को ‘उत्पीड़न’ करार देते हुए प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को गुस्साए स्थानीय लोगों ने मसूरी कोतवाली में जमकर हंगामा किया और पुलिस पर मनमानी, अभद्रता और अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए।

कोतवाली में शिकायत लेकर पहुंचा प्रतिनिधिमंडल

भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जगजीत कुकरेजा और राधा कृष्ण मंदिर समिति के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मसूरी कोतवाली में कोतवाल देवेंद्र सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों की कथित अभद्रता, मनमानी चालान और अवैध वसूली की शिकायत दर्ज की।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि हाल ही में एक स्थानीय युवक को बिना हेलमेट के लिए 3500 रुपये का भारी-भरकम जुर्माना ठोका गया और उसकी स्कूटी भी जब्त कर ली गई। हैरानी की बात यह है कि युवक पर न तो रेस ड्राइविंग का आरोप था और न ही कोई बड़ा यातायात नियम उल्लंघन। व्यापारियों का कहना है कि इस तरह की कठोर कार्रवाई न केवल नियमों का दुरुपयोग है, बल्कि मसूरी की पर्यटन नगरी की छवि को भी धूमिल कर रही है।

“पुलिस का रवैया पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा”

भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “मसूरी पहले ही प्राकृतिक आपदाओं के कारण आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। ऐसे में पुलिस का यह रवैया स्थानीय जनता और व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अवैध वसूली में लिप्त पुलिसकर्मियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थानीय लोग कोतवाली के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप

व्यापारियों ने एक कांस्टेबल और एक सब-इंस्पेक्टर पर सीधे तौर पर स्थानीय लोगों से पैसे वसूलने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इस बारे में पहले भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

कोतवाल ने दिया जांच का आश्वासन

मसूरी कोतवाल देवेंद्र सिंह चौहान ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा, “ऑपरेशन लगाम पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर शुरू किया गया है, जिसका मकसद यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना है, न कि जनता को परेशान करना। यदि किसी पुलिसकर्मी ने गलत व्यवहार किया या अवैध वसूली की, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।” उन्होंने यह भी बताया कि पुलिसकर्मियों को पहले ही हिदायत दी गई है कि मसूरी एक पर्यटन स्थल है, इसलिए व्यवहार में संयम और विनम्रता बरतें।

क्या है ऑपरेशन लगाम?

‘ऑपरेशन लगाम’ उत्तराखंड पुलिस का एक विशेष अभियान है, जिसके तहत यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बरती जा रही है। हालांकि, मसूरी में इस अभियान के तहत हो रही कार्रवाइयों ने अब स्थानीय लोगों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। व्यापारियों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि पुलिस का यही रवैया रहा, तो यह मसूरी के पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचाएगा।

स्थानीय लोग अब पुलिस प्रशासन से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं, व्यापारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। मसूरी में बढ़ता यह विवाद अब प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। क्या पुलिस इस मामले में संतुलन बना पाएगी, या यह विवाद और गहराएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।

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