रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम की यात्रा पर आए चार श्रद्धालुओं की जान उस वक्त खतरे में पड़ गई जब वे मंदिर से करीब दो-तीन किलोमीटर ऊपर स्थित चौराबाड़ी ग्लेशियर की ओर निकल पड़े। बर्फबारी शुरू होते ही चारों वहीं फंस गए और हालात इतने खराब हो गए कि लौटना भी मुश्किल हो गया। किसी तरह उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने साहसिक अभियान चलाकर सभी को सकुशल बचा लिया।
बर्फबारी में फंसे श्रद्धालु, घंटों तक चला रेस्क्यू
जानकारी के मुताबिक, फंसे हुए श्रद्धालुओं की पहचान हर्ष राणा पुत्र राजकुमार राणा, दीपक नेगी पुत्र योगेश्वर नेगी, नवनीत त्यागी पुत्र अरविंद त्यागी और आदित्य पुत्र सरवन कुमार (निवासी राधेश्याम विहार फेस, गाजियाबाद, यूपी) के रूप में हुई है। ये सभी सोमवार को गांधी सरोवर (चौराबाड़ी ताल) की ओर गए थे, लेकिन अचानक मौसम बिगड़ गया और बर्फबारी शुरू हो गई।
श्रद्धालुओं ने किसी तरह संपर्क कर केदारनाथ पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद एसडीआरएफ टीम पोस्ट केदारनाथ से उप निरीक्षक मनोहर कन्याल के नेतृत्व में आवश्यक उपकरणों के साथ मौके पर रवाना हुई।
लगातार बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद टीम ने हिम्मत नहीं हारी और कठिन परिस्थितियों में घंटों तक सर्च ऑपरेशन चलाकर सभी चारों को सुरक्षित बाहर निकाला।
क्या है चौराबाड़ी ग्लेशियर?
चौराबाड़ी ग्लेशियर समुद्र तल से लगभग 3,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और मंदाकिनी नदी का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। इसे गांधी सरोवर के नाम से भी जाना जाता है। यहां की सुंदरता भले ही हर किसी को आकर्षित करती है, लेकिन बिना गाइड और परमिशन के इस क्षेत्र में जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
प्रशासन की अपील – बिना परमिशन के न करें ट्रेकिंग
एसडीआरएफ ने सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित नीचे लाकर उनके परिजनों से बात कर कुशलक्षेम दी।
वहीं, पुलिस और प्रशासन ने फिर से पर्यटकों से अपील की है कि बिना परमिशन या गाइड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में न जाएं, क्योंकि इन जगहों पर नेटवर्क की समस्या आम है और थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है।
इस समय पहाड़ों पर लगातार बारिश और बर्फबारी जारी है, इसलिए प्रशासन ने चेतावनी दी है कि मौसम सुधरने तक अनावश्यक जोखिम लेने से बचें।