धर्म डेस्क, ऋषिकेश। करवाचौथ (Karwa Chauth) हिन्दू परंपरा का प्रमुख व्रत है जिसमें विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। 2025 में करवाचौथ का मुख्य दिन 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) रखा जा रहा है — (हालांकि पंचांग के क्षेत्रीय भिन्नता को देखें)। यह जानकारी कई प्रतिष्ठित पंचांग और त्योहार निर्देशों में संगत रूप से दिखाई देती है।
तिथि-विवरण और ज़रूरी टाइमिंग्स (सामान्य संकेत — स्थानीय समय के अनुसार चेक करें)
नोट: धार्मिक/हिंदू तिथियों में स्थानीय सूर्य-उदय/चन्द्रोदय पर फर्क पड़ता है। इसलिए नीचे दिए समय सामान्य / पैन-इंडिया संदर्भ हैं — अपना स्थानीय पंचांग/DrikPanchang एक बार अवश्य चेक करें।
- कायम-तिथि (Chaturthi Tithi): 9 अक्टूबर (रात) से 10 अक्टूबर 2025 तक — मुख्य दिवस 10 अक्टूबर 2025।
- व्रत आरम्भ (सूर्योदय के समय अक्सर एक कोणीय रेंज): अधिकांश स्रोतों के अनुसार सुबह-सूर्य उदय के आसपास (लगभग 06:15–06:30 IST) से व्रत प्रारंभ माना जाता है; सरगी सूर्योदय से पहले ली जाती है।
- पूजा-मुहूर्त (Evening Puja Muhurat): बहु-स्रोतों का औसत 05:57 PM — 07:11 PM के मध्य बताता है (कई साइटें 05:57–07:11 या 05:57–07:33 दे रही हैं)। इसलिए शाम के इस शेष-वक्त में पूजा करना शुभ माना जाता है।
- चंद्रोदय / Moonrise (आम-देश): अधिकांश पैन-इंडिया गणनाएँ चंद्र उदय को लगभग 20:13–20:55 (8:13–8:55 PM) के बीच दिखाती हैं; स्थानीय चन्द्रोदय समय के लिए अपने जिले/शहर का पंचांग देखें। यदि चाँद देर से उगे या बाद में दिखे तो पूजा-प्रक्रिया उसी के अनुसार समायोजित करें।
विस्तृत पूजा-विधि (Step-by-step) — ताकि आप सही क्रम से कर सकें
- सरगी (Sargi): सास/संबंधी द्वारा दिया गया सुबह का भोजन (फल, सूखे मेवे, हलकी मिठाई) — सूर्योदय से पहले लें। सरगी के बाद निर्जला व्रत प्रारम्भ माना जाता है।
- दिन भर का आचरण: स्नान, स्वच्छ वस्त्र, दिनभर भक्ति-मन, पूजापाठ और कथा श्रवण। तामसिक/कटु वचन, झगड़ा व दिन में सोना टालें।
- शाम-पूजा (Karwa Chauth Puja): घर पर या सामूहिक स्थल पर करवा-पात्र, दीपक, फल-मिठाई, चावल, चंदन, रोली-कुमकुम, छलनी व पानी आदि तैयार रखें। गणेश-दर्शन के बाद माँ करवा की आराधना करें।
- कथा और आरती: व्रत कथा (Veeravati की कथा आदि) सुनें/सुनाएँ; सामूहिक आरती करें।
- चंद्र दर्शन और अर्घ्य: चाँद दिखते ही छलनी से पति का चेहरा देखें, चंद्रमा को अर्घ्य दें; पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलें (या जैसा पारंपरिक रीति अनुसार)। यदि चाँद बाद में दिखे तो उसी समय क्रिया करें।
व्रत के नियम — किन बातों का विशेष ध्यान रखें
- निर्जला व्रत: सूर्योदय के बाद से चन्द्र दर्शन तक न खाने-पीने का शुद्ध उपवास। (एक बूंद पानी भी वर्जित माना जाता है)।
- चाँद से पहले व्रत न खोलें: चंद्र दर्शन के बाद ही विधिवत व्रत पूरा माना जाता है।
- धारदार औज़ार, दिन में सोना व बेजा क्रोध वर्जित।
पौराणिक कथा-सार (क्यों शुरू हुआ यह व्रत?)
सबसे प्रसिद्ध कथा वीरावती / वीरावती-राजकुमारी की है — परिहास में भाई-बहनों द्वारा दीपक दिखाकर उसे बताया गया कि चाँद निकल आया, उसने व्रत टूट लिया और उसके पति को मुसीबत हुई; बाद में पुनः कथा-कठिनता और भक्ति से पति की रक्षा हुई। तब से यह व्रत पति की दीर्घायु के लिए रखने की परंपरा चली आ रही है। कई स्थानों पर और अन्य लोककथात्मक वृतान्त भी प्रचलित हैं।
आधुनिक संप्रेषण — रिवाज और व्यावहारिक सुझाव
- सही समय के लिये स्थानीय पंचांग देखें। (कहते स्रोतों में मुहूर्त/चंद्रोदय में कुछ मिनटों का फ़र्क दिखता है)।
- यदि आप श्रमिक, सफर या मेडिकल कारण से व्रत नहीं रख पातीं तो पारिवारिक/पुरोहित सलाह लें — आधुनिक स्वास्थ्य ध्यान आवश्यक।
- सामुदायिक पूजा-स्थलों पर सुरक्षा/कोई भीड़-प्रबंधन के नियमों का पालन करें; बड़े जमा-हुई भीड़ में सावधानी रखें।
🗓️ 2025 में पांच शहरों के लिए अनुमानित समय तालिका
शहर / लोकलिटी | अनुमानित चंद्र उदय (Moonrise) | पूजा मुहूर्त (Evening Puja) | व्रत प्रारंभ / सूर्य उदय समय* |
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देहरादून / ऋषिकेश / हरिद्वार | ~ 08:13 PM | 05:57 PM – 07:11 PM | ~ 06:19 AM |
दिल्ली / NCR | ~ 08:13 PM | 05:57 PM – 07:11 PM | ~ 06:19 AM |
लखनऊ | ~ 08:10 – 08:20 PM | लगभग वही 05:57 – 07:11 PM | लगभग उसी समय जैसे NCR |
ऋषि / पर्वतीय क्षेत्र (हिमाचल / हल्की ऊँचाई क्षेत्र) | देर से (स्थानीय विशेष) | पूजा का समय लगभग शाम 6 बजे के आस-पास | लगभग सुबह 6 बजे के करीब |
उत्तराखंड की अन्य निचली मंडलियाँ (नैनीताल, मुरादाबाद एहि क्षेत्र) | ~ 08:10 – 08:20 PM | 05:57 PM – 07:11 PM | लगभग 06:19 AM |
* व्रत प्रारंभ (सरगी + उपवास शुरुआत) समय स्थानीय सूर्य उदय पर निर्भर है, लगभग 06:15–06:30 AM के आसपास।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
करवाचौथ 2025 किस दिन है?
प्रमुख गणनाओं के अनुसार 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार)। (स्थानीय पंचांग जाँचना अनिवार्य)।
पूजा-मुहूर्त कब है?
स्रोतों का साझा-रेंज लगभग 05:57 PM – 07:11 PM (कुछ स्रोत थोड़ी बहुत भिन्नता दिखाते हैं)। इसलिए शाम के इस विंडो में पूजा करना शुभ माना जाता है।
चंद्र उदय कब है?
सामान्य पैन-इंडिया गणनाएँ चंद्रोदय को ~20:13–20:55 IST के बीच दिखाती हैं; स्थानानुसार अलग हो सकता है — अपना स्थानीय चन्द्र उदय देखें।
क्या सरगी अनिवार्य है?
पारंपरिक रूप से सरगी स्नान-पूर्व ली जाती है, पर यदि उपलब्ध न हो तो संकल्प लेकर व्रत रखा जा सकता है — पर परंपरा में सरगी महत्वपूर्ण मानी जाती है।