मसूरी, उत्तराखंड: मौसम की मार और बंद रास्तों के बीच एक पिता ने अपने डेढ़ साल के बेटे की जान बचाने के लिए अद्भुत हिम्मत दिखाई। मसूरी के थत्यूड़ गांव में रह रहे देवांग की हालत गंभीर थी।
चार दिन से निमोनिया से पीड़ित देवांग की सांसें उखड़ने लगीं। प्रशासन ने मसूरी से देहरादून तक हेलिकॉप्टर भेजा, लेकिन खराब मौसम के कारण उड़ान रद्द हो गई।
पिता समवीर ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने बेटे को गोद में उठाकर करीब 18 किलोमीटर की दूरी तक पहाड़ों में दौड़ लगाई और दोपहर चार बजे देहरादून पहुँचकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
सड़क मार्ग बंद होने से और बढ़ी मुश्किलें
मसूरी-दून मार्ग बंद होने के कारण अन्य मरीजों को अस्पताल पहुँचाना भी चुनौतीपूर्ण हो गया। हेलिकॉप्टर सेवा मौसम खराब होने के कारण संभव नहीं थी। प्रशासन ने तीन एंबुलेंस और दो निजी वाहनों के जरिए मरीजों को देहरादून भेजा।
भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के निर्देश पर गंभीर मरीजों सहित 12 स्थानीय लोगों को उपचार के लिए भेजा गया। इनमें दो मरीजों की सर्जरी और नौ अन्य का डायलिसिस होना था।
आपदा प्रभावित गांवों में राहत कार्य
रास्ते बंद होने के कारण मालदेवता क्षेत्र के दुर्गम गांवों में भोजन की कमी हो गई थी। प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से 700 किलोग्राम राशन पहुँचाया और इसे 60 परिवारों में वितरित किया।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत हेलिकॉप्टर की अनुमति दी। पूरा ऑपरेशन एसडीएम कुमकुम जोशी के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।
प्रशासन की ओर से यातायात डायवर्जन
आपदा के बाद मसूरी मार्ग को खोलने के प्रयास जारी हैं। फिलहाल कई मार्गों पर यातायात डायवर्जन लागू है। विकासनगर, सहसपुर, झाझरा, बालाजी धाम और अन्य मार्गों से आने-जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से शहर में प्रवेश की अनुमति दी गई है।