देहरादून आईएसबीटी में परिवहन नियमों की धज्जियां

देहरादून आईएसबीटी में परिवहन नियमों की धज्जियां, 30% बसें कर रहीं परमिट उल्लंघन

देहरादून। एक ओर परिवहन विभाग दावा कर रहा है कि परमिट शर्तों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, वहीं हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
देहरादून आईएसबीटी में हर दिन करीब 30 प्रतिशत बसें नियमों को दरकिनार कर प्रवेश कर रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा उल्लंघन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों द्वारा हो रहा है।

पुराने आदेशों की अनदेखी

तीन जनवरी 2023 को तत्कालीन परिवहन सचिव एन.एस. नपलच्याल ने सभी संभागीय और उप-संभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि डग्गामार बसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके बावजूद अब तक स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ गई है। अव्यवस्था के चलते सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है।

आईएसबीटी क्षेत्र में प्रतिबंध, फिर भी जारी संचालन

आईएसबीटी बस अड्डे के एक किलोमीटर के दायरे में डग्गामार बसों, विक्रम, ई-रिक्शा और टाटा मैजिक के संचालन पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, गुरुवार को भी इन वाहनों को सवारियां चढ़ाते और उतारते देखा गया।

आरटीओ प्रवर्तन टीम द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन इनका असर मैदान में नजर नहीं आता।
यातायात नियमों की खुलेआम अनदेखी जारी है।

निगम को हर दिन लाखों का नुकसान

त्योहारी सीजन में परिवहन निगम की आय में भारी गिरावट आई है। अधिकारियों के अनुसार, नियम उल्लंघन और डग्गामार बसों की वजह से निगम को रोजाना करीब ₹50 लाख का नुकसान हो रहा है। यह निगम के घाटे में जाने की प्रमुख वजहों में से एक बन गया है।

आरटीओ की कार्रवाई बेअसर

बीते रविवार और सोमवार को आरटीओ प्रवर्तन टीम की कार्रवाई के बावजूद हालात जस के तस बने रहे। आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी डॉ. अनीता चमोला ने ट्रैवल एजेंसियों की परमिट शर्तों और यातायात व्यवस्था को लेकर बैठक भी की थी। फिर भी गुरुवार को आईएसबीटी में स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखा।

“डग्गामार बसों के खिलाफ कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। एजेंसियों के बुकिंग साइट की लोकेशन आईएसबीटी से हटा दी गई है। परमिट शर्तों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई होगी।” — डॉ. अनीता चमोला, आरटीओ प्रवर्तन

आईएसबीटी प्रशासन का पक्ष

एस.पी. मनराल, एजीएम (आईएसबीटी संचालन) ने बताया कि बाहरी राज्यों की बसों के दस्तावेजों की जांच के बाद ही उन्हें अड्डे के अंदर प्रवेश की अनुमति दी जाती है। साथ ही, डग्गामार बसों पर प्रवर्तन कार्रवाई जारी है। निगम स्तर पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके।

“आइएसबीटी के अंदर प्रवेश से पहले बाहरी बसों की दस्तावेज़ जांच की जाती है। डग्गामार बसों के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई लगातार जारी है।” — एस.पी. मनराल, एजीएम, आइएसबीटी संचालन

जनता और कर्मचारियों में नाराजगी

परिवहन निगम के कर्मचारी कई बार डग्गामार बसों के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया।
वहीं आम यात्री भी अव्यवस्थित ट्रैफिक और अवैध संचालन से परेशान हैं।

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