देहरादून: दीपावली के त्योहारी सीजन में उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कड़ा अभियान शुरू किया है। सोमवार को देहरादून के पटेलनगर में छापेमारी के दौरान FDA की टीम ने एक गोदाम से 50 क्विंटल रसगुल्ला जब्त किया, जिसकी गुणवत्ता संदिग्ध पाई गई। इस दौरान बिना खाद्य लाइसेंस के मिठाई बेचने वाले दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए, और कई नमूने जांच के लिए भेजे गए। FDA ने साफ किया कि दीपावली तक यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिलें।
छापेमारी का विवरण: संदिग्ध गोदाम में मिला 50 क्विंटल रसगुल्ला
सोमवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखंड ने पटेलनगर में विशेष निरीक्षण अभियान चलाया। उपायुक्त गढ़वाल मंडल खाद्य सुरक्षा आरएस रावत और सहायक आयुक्त मनीष सयाना के नेतृत्व में FDA की टीम ने समृद्धि भवन के बेसमेंट में एक गोदाम की जांच की। इस गोदाम में 50 क्विंटल रसगुल्ला अलग-अलग कंपनियों का बरामद हुआ। जांच में पाया गया कि रसगुल्ले की गुणवत्ता संदिग्ध थी, जिसके चलते इसे जब्त कर लिया गया।
हैरानी की बात यह थी कि 1 किलो रसगुल्ला की कीमत मात्र 111.76 रुपये दर्ज की गई। FDA अधिकारियों ने सवाल उठाया कि महंगाई के दौर में इतनी कम कीमत पर रसगुल्ला उपलब्ध होना संदेहास्पद है। इसके अलावा, यह गोदाम एक अपार्टमेंट के बेसमेंट में संचालित हो रहा था, जो नियमों का उल्लंघन है।
मिठाई की अवैध सप्लाई: 15 दुकानों तक पहुंच
जांच में पता चला कि इस गोदाम से देहरादून शहर से लेकर कालसी तक 15 मिठाई दुकानों को रसगुल्ला सप्लाई किया जा रहा था। रसीदों में दुकानों के नाम तो दर्ज थे, लेकिन पते का उल्लेख नहीं था, जो नियमानुसार अनिवार्य है। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह ने बताया कि इस गोदाम से बरामद रसभरी, रसगुल्ला, और चमचम के 6 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। साथ ही, मावा बर्फी का एक नमूना भी अन्य प्रतिष्ठानों से लिया गया है।
बिना लाइसेंस संचालन: दुकानदारों को नोटिस
निरीक्षण के दौरान कई दुकानदारों के पास खाद्य लाइसेंस नहीं पाया गया। नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों को तत्काल नोटिस जारी किया गया। FDA ने चेतावनी दी कि बिना लाइसेंस के मिठाई या अन्य खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सहायक आयुक्त मनीष सयाना ने कहा, “हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण मिठाइयां उपलब्ध कराना है। दुकानदारों से अपील है कि वे केवल खाद्य लाइसेंस के साथ ही उत्पाद बेचें। उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि संदिग्ध उत्पादों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।”
दीपावली तक अभियान जारी
FDA ने स्पष्ट किया कि त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी रोकने के लिए यह अभियान दीपावली तक लगातार चलेगा। खासकर मिठाइयों, दूध उत्पादों, और अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उपायुक्त आरएस रावत ने कहा, “हम बाजार में किसी भी अवैध या गुणवत्ता रहित खाद्य पदार्थ को बिकने नहीं देंगे। उपभोक्ताओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”
मिलावटखोरी: एक सामाजिक चुनौती
त्योहारी सीजन में मिठाइयों और दूध उत्पादों में मिलावटखोरी का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ते दामों पर बिकने वाले उत्पाद अक्सर निम्न गुणवत्ता के होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। FDA ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदारी करें और बिल में दुकान का पूरा पता और लाइसेंस नंबर जांच लें।
इस घटना ने देहरादून में खाद्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता की जरूरत को और रेखांकित किया है। स्थानीय निवासियों ने FDA की कार्रवाई की सराहना की है और मांग की है कि ऐसे अभियान नियमित रूप से चलाए जाएं।