चमोली (उत्तराखंड) – बुधवार देर रात चमोली ज़िले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। रात का सन्नाटा अचानक चीख-पुकार में बदल गया, जब तेज बारिश और पहाड़ों से गिरे मलबे ने गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। एक ही रात में कई मकान ढह गए, गौशालाएं बह गईं और लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगह भागने को मजबूर हो गए।
अभी तक 12 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है, जबकि दर्जनों भवन और खेत मलबे में दब गए। 200 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। रेस्क्यू टीमें लगातार खोजबीन में जुटी हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान फाली लगा कुंतरी और धुरमा गांव में
प्रभावित इलाकों में फाली लगा कुंतरी गांव सबसे ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है। यहां आठ ग्रामीण लापता हैं और करीब 20 मकान व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं धुरमा गांव से दो लोग लापता बताए जा रहे हैं।
रात करीब 3 बजे, लोग गहरी नींद में थे, तभी अचानक मलबा घरों पर आ गिरा। अफरातफरी के बीच कई लोग दब गए। हालांकि, पुलिस और DDRF टीम ने मलबे से दो महिलाओं और एक बच्चे को जिंदा बाहर निकालने में सफलता पाई।
पुल बहा, नंदप्रयाग–नंदानगर सड़क खतरे में
तेज बारिश और गाड़-गदेरे के उफान से नंदप्रयाग–नंदानगर मोटर पुल खतरे की जद में है। वहीं पेट्रोल पंप और पुराने बाजार को जोड़ने वाला पुल भी बह गया है। इससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
मोक्ष गाड़ गदेरा के उफान पर आने से सेरा गांव के कई मकान बह गए। सालूबगड़ और लांखी जैसे इलाकों में भी मकानों को खतरा बना हुआ है।
लापता लोगों की लिस्ट
ग्राम फाली लगा कुंतरी से लापता –
- कुंवर सिंह (42 वर्ष)
- कांता देवी (38 वर्ष)
- विकास (10 वर्ष)
- विशाल (10 वर्ष)
- नरेंद्र सिंह (40 वर्ष)
- जगदंबा प्रसाद (70 वर्ष)
- भागा देवी (65 वर्ष)
- देवेश्वरी देवी (65 वर्ष)
ग्राम धुरमा से लापता –
- गुमान सिंह (75 वर्ष)
- ममता देवी (38 वर्ष)
रेस्क्यू में लगीं कई एजेंसियां
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी (गौचर 8वीं वाहिनी), डीडीआरएफ और राजस्व विभाग की टीमें लगातार राहत व बचाव कार्य में लगी हुई हैं। लेकिन जगह-जगह भूस्खलन और सड़कें टूटने से राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। कई टीमें अब पैदल रास्तों से गांवों तक पहुँचने की कोशिश कर रही हैं।
अब तक एक शव बरामद किया गया है, जबकि हेलिकॉप्टर से दो लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि,
“सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। राहत शिविरों में खाने-रहने और इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए। लापता लोगों की खोज में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”
सीएम लगातार आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अधिकारियों से संपर्क में हैं और हालात की खुद निगरानी कर रहे हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में भी उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों – नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ – में भारी बारिश की संभावना है। 23 सितंबर तक राज्यभर में हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहने की आशंका जताई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और बदले हुए मानसूनी पैटर्न की वजह से इस साल पहाड़ों में अत्यधिक बारिश और लगातार आपदाएं देखने को मिल रही हैं।
👉 चमोली की इस आपदा ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पहाड़ अब जलवायु संकट का सबसे बड़ा शिकार बनने जा रहे हैं?