देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने हालिया पेपर लीक प्रकरण के बाद अपनी परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार करने का फैसला किया है। आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने घोषणा की कि आगामी परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए जाएंगे। इन सुधारों से अभ्यर्थियों की आशंकाओं को दूर करने और भविष्य में किसी भी गड़बड़ी को रोकने का लक्ष्य है। मुख्य बदलावों में परीक्षाओं का आयोजन केवल सरकारी संस्थानों में करना, एक अभ्यर्थी एक आवेदन की नीति, और दो चरणों में परीक्षा शामिल हैं।
पेपर लीक के बाद सबक: सिस्टम रीसेट
पिछले दिनों UKSSSC की स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद आयोग की साख पर सवाल उठे थे। इस घटना में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई, और जांच में पाया गया कि हरिद्वार का एक परीक्षा केंद्र एक राजनीतिक नेता से जुड़ा था। इस प्रकरण ने आयोग को अपनी प्रणाली पर गंभीर मंथन करने पर मजबूर किया।
मर्तोलिया ने कहा, “हमारा उद्देश्य अभ्यर्थियों का भरोसा बहाल करना है। पेपर लीक जैसी घटनाओं से सबक लेते हुए हम पूरे सिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं। आने वाली परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।”
मुख्य सुधार: प्राइवेट संस्थानों में परीक्षा बंद
- सरकारी संस्थानों में ही परीक्षाएं: अब से सभी परीक्षाएं केवल सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, या संस्थानों में आयोजित की जाएंगी। मर्तोलिया ने बताया कि प्राइवेट संस्थानों में सुरक्षा मानकों की पूरी निगरानी नहीं हो पाती, जिससे अनियमितताओं की संभावना रहती है। “जैसे ही ये व्यवस्था अंतिम रूप लेगी, हम इसे सार्वजनिक करेंगे,” उन्होंने कहा।
- एक अभ्यर्थी, एक आवेदन: कई अभ्यर्थी एक ही परीक्षा के लिए कई आवेदन भरते थे, जिससे डेटा में गड़बड़ी होती थी। अब आवेदन में आधार नंबर और बायोमेट्रिक (अंगूठे का निशान) अनिवार्य होगा। आवेदन के समय दर्ज आधार और बायोमेट्रिक को परीक्षा केंद्र पर मिलान किया जाएगा। यदि कोई आधार पहले से सिस्टम में है, तो दूसरा आवेदन अस्वीकार हो जाएगा। इससे फर्जीवाड़ा रोका जाएगा।
- दो चरणों में परीक्षा: पिछली परीक्षाओं में एक साथ डेढ़ लाख अभ्यर्थियों के कारण निगरानी में कठिनाई आई। अब परीक्षाएं दो चरणों में होंगी, जिससे केंद्रों पर भीड़ कम होगी और सुरक्षा बेहतर होगी।
सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिकता
आयोग सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए निम्न कदम उठा रहा है:
- सीसीटीवी कैमरे: सभी केंद्रों पर अनिवार्य।
- मोबाइल जैमर: नकल रोकने के लिए।
- बायोमेट्रिक सत्यापन: प्रवेश और पहचान के लिए।
- डिजिटल रिकॉर्ड: प्रश्नपत्र वितरण से उत्तर पुस्तिकाओं के संग्रह तक का पूरा रिकॉर्ड।
मर्तोलिया ने कहा, “ये सुधार न केवल गड़बड़ियों को रोकेंगे, बल्कि अभ्यर्थियों को विश्वास दिलाएंगे कि उनकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी।”
अभ्यर्थियों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
अभ्यर्थियों ने इन सुधारों का स्वागत किया है। एक अभ्यर्थी ने कहा, “पेपर लीक से निराशा हुई थी, लेकिन अब बायोमेट्रिक और सरकारी केंद्रों से राहत मिलेगी।” विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम उत्तराखंड में भर्ती प्रक्रियाओं को राष्ट्रीय स्तर की पारदर्शिता प्रदान करेंगे। हालांकि, आयोग को इन सुधारों को जल्द लागू करने की चुनौती है।
UKSSSC ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट्स देखें और किसी भी संदेह के लिए आयोग से संपर्क करें। ये सुधार आगामी परीक्षाओं से लागू होंगे, जो राज्य में सरकारी नौकरियों की विश्वसनीयता को बढ़ाएंगे।