1347 सहायक अध्यापकों को 14 अक्टूबर को मिलेंगे नियुक्ति पत्र

उत्तराखंड: 1347 सहायक अध्यापकों को 14 अक्टूबर को मिलेंगे नियुक्ति पत्र, हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद राहत

देहरादून: उत्तराखंड के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार 14 अक्टूबर 2025 को 1347 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र सौंपेगी। लंबे समय से नियुक्ति का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह राहत नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस अवसर पर देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, पटेलनगर के प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे।

नियुक्ति का विवरण: दूरस्थ क्षेत्रों पर फोकस

विद्यालयी शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि यह नियुक्तियां उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के माध्यम से की गई हैं। नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आयोग ने चयनित अभ्यर्थियों की सूची माध्यमिक शिक्षा विभाग को सौंप दी, जिसके आधार पर अब नियुक्तियां दी जा रही हैं।

चयनित शिक्षकों की प्रथम तैनाती राज्य के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में की जाएगी, ताकि वहां शिक्षकों की कमी दूर हो और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। गढ़वाल मंडल में 681 पदों (सामान्य और महिला शाखा) और कुमाऊं मंडल में 671 पदों पर नियुक्तियां होंगी। इनमें विभिन्न विषयों जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामान्य, कला, व्यायाम, गृह विज्ञान, वाणिज्य, संगीत, संस्कृत, और उर्दू शामिल हैं।

शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कदम

मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, “राज्य सरकार का लक्ष्य हर स्कूल में विषयवार शिक्षक उपलब्ध कराना है। यह नियुक्तियां शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेंगी। जल्द ही प्राथमिक शिक्षा विभाग में 2100 सहायक अध्यापकों और माध्यमिक शिक्षा विभाग में 800 से अधिक प्रवक्ताओं की नियुक्तियां भी की जाएंगी।”

इस कदम से न केवल शिक्षकों की कमी पूरी होगी, बल्कि ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। सरकार का विशेष जोर उन स्कूलों पर है, जहां शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

नियुक्ति में देरी का कारण: हाईकोर्ट का स्टे

फरवरी 2025 में UKSSSC ने 1352 सहायक अध्यापक पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची शिक्षा विभाग को भेजी थी। हालांकि, कुछ अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर नैनीताल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया। करीब साढ़े सात महीने तक चली कानूनी प्रक्रिया के दौरान UKSSSC ने कोर्ट में मजबूत पैरवी की। अंततः, हाईकोर्ट ने 1347 पदों पर नियुक्ति को हरी झंडी दे दी।

पांच पदों पर अभी भी मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिसके कारण इन पर नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी। बाकी सभी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

अभ्यर्थियों का संघर्ष और राहत

चयनित अभ्यर्थियों ने नियुक्ति में देरी के खिलाफ कई बार धरना-प्रदर्शन किए थे। उनकी मांग थी कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द से जल्द नियुक्ति दी जाए। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब इन अभ्यर्थियों को राहत मिली है, और वे 14 अक्टूबर को अपने नियुक्ति पत्र प्राप्त करेंगे।

शिक्षा के लिए मील का पत्थर

यह नियुक्ति न केवल अभ्यर्थियों के लिए खुशी का अवसर है, बल्कि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की तैनाती से स्थानीय बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और स्कूलों में ड्रॉपआउट दर कम होगी। साथ ही, यह कदम उत्तराखंड सरकार की शिक्षा सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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