धर्म डेस्क: पंच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देव और यमराज की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस पर विशेष उपाय करने से साल भर धन संबंधी समस्याएं दूर रहती हैं और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है। सूर्यास्त के बाद 13 दीपक जलाकर कुबेर पूजन, लौंग अर्पण और तिजोरी उपाय जैसे सरल टोटके धन-धान्य वृद्धि करते हैं।
धनतेरस का महत्व: धन समृद्धि और यमराज पूजा
धनतेरस छोटी दिवाली से एक दिन पहले आता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ है, जो समृद्धि लाता है। कुबेर पूजन से धन वृद्धि और यमराज पूजा से आयु वृद्धि होती है। विशेष उपायों से आर्थिक तंगी दूर होती है।
कुबेर और लक्ष्मी पूजन: मुख्य उपाय
सूर्यास्त के बाद 13 दीपक जलाएं। कुबेर देव और तिजोरी की पूजा करें। चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य, फल-फूल अर्पित करें। कुबेर मंत्र जपें: ‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय दापय स्वाहा।’ इससे धन की बरकत होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है।
अन्य अचूक उपाय
- लौंग का जोड़ा: धनतेरस से दीपावली तक प्रतिदिन लक्ष्मी को लौंग का जोड़ा अर्पित करें। आर्थिक तंगी दूर होती है।
- तिजोरी में लक्ष्मी तस्वीर: कमल पर विराजमान लक्ष्मी की धन वर्षा वाली तस्वीर तिजोरी में लगाएं। समृद्धि और सुख का वास होता है।
- मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीक: हल्दी-चावल पीसकर पेस्ट बनाएं और द्वार पर ‘ॐ’ चिन्ह बनाएं। लक्ष्मी स्वागत का संकेत, सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करता है।
- शंख शुद्धिकरण: कार्य बाधाओं के लिए चीनी, बताशा, खीर-चावल दान करें। दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर घर छिड़कें। नकारात्मक ऊर्जा दूर, लक्ष्मी आगमन का मार्ग प्रशस्त।
लक्ष्मी कृपा से समृद्ध वर्ष
धनतेरस 2025 पर ये उपाय धन लाभ और बाधा निवारण सुनिश्चित करेंगे। पूजा में श्रद्धा रखें, सोना-चांदी खरीदें और सात्विक रहें। दिवाली पर्व की शुभ शुरुआत से साल भर सुख-समृद्धि प्राप्त होगी। शुभकामनाएं!
यह आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। स्थानीय पंचांग अनुसार तिथियां भिन्न हो सकती हैं।