देहरादून: उत्तराखंड के टिहरी जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां राजस्थान के एक युवक ने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर केदारनाथ धाम में VIP दर्शन की कोशिश की। इस ठगी के प्रयास में 25 वर्षीय शक्तिपाल को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जांच में पता चला कि युवक का पहले से ही धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत अपराधिक रिकॉर्ड है।
नकली फौजी की साजिश: VIP दर्शन का लालच
पुलिस के अनुसार, राजस्थान के गंगानगर निवासी शक्तिपाल बीते दिनों केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुंचा था। गुरुवार शाम को देवप्रयाग थाने में अभिनव नामक व्यक्ति ने सूचना दी कि एक युवक सेना की वर्दी में संदिग्ध रूप से घूम रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शक्तिपाल को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में शक्तिपाल ने कबूल किया कि उसने सेना की वर्दी पहनकर सार्वजनिक दबदबा कायम करने और केदारनाथ धाम में VIP सुविधा हासिल करने की कोशिश की थी। उसका मकसद भीड़ से बचकर आसानी से दर्शन करना था। पुलिस की जांच में सामने आया कि शक्तिपाल का अपराधिक इतिहास लंबा है। वह पहले राजस्थान के समेजा थाने में धोखाधड़ी और IT एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों में जेल जा चुका है।
पुलिस की कार्रवाई: मुकदमा दर्ज
देवप्रयाग पुलिस ने शक्तिपाल के खिलाफ धोखाधड़ी और सेना की वर्दी के दुरुपयोग से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने न केवल सेना की वर्दी का गलत इस्तेमाल किया, बल्कि पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ में विशेष सुविधा हासिल करने की नीयत से ठगी की कोशिश की। मामले की गहन जांच की जा रही है, और यह पता लगाया जा रहा है कि शक्तिपाल ने वर्दी कहां से हासिल की और क्या इस साजिश में अन्य लोग भी शामिल हैं।
केदारनाथ में VIP दर्शन पर सवाल
यह घटना केदारनाथ धाम में VIP दर्शन व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। हाल ही में केदारनाथ में VIP दर्शन को लेकर कई विवाद सामने आए हैं, जिसमें परंपराओं के उल्लंघन और आम श्रद्धालुओं की असुविधा के आरोप लगे हैं। शक्तिपाल का यह मामला इस बात को उजागर करता है कि कुछ लोग विशेष सुविधा के लिए गलत तरीके अपनाने से भी नहीं हिचकते।
सामाजिक और प्रशासनिक चेतावनी
शक्तिपाल की यह हरकत न केवल सेना की वर्दी की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि पवित्र तीर्थस्थल पर श्रद्धालुओं के विश्वास को भी चोट पहुंचाती है। पुलिस और प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, तीर्थस्थलों पर सुरक्षा और सत्यापन प्रक्रिया को और मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया जा रहा है।
सतर्कता और सजा जरूरी
यह मामला उत्तराखंड के तीर्थस्थलों पर सुरक्षा और पारदर्शिता की जरूरत को रेखांकित करता है। शक्तिपाल जैसे लोगों की हरकतें सेना की वर्दी और धार्मिक स्थलों की पवित्रता को कमजोर करती हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सत्यापन और निगरानी तंत्र की जरूरत है। केदारनाथ जैसे पवित्र स्थानों पर VIP सुविधा की प्रक्रिया को और पारदर्शी करना होगा, ताकि ऐसी ठगी की कोशिशें नाकाम हों।