यमकेश्वर: लंबे समय से लंबित पड़े बीन नदी पुल के निर्माण की मांग को लेकर बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 को क्षेत्रीय जनता ने जोरदार प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन उत्तराखंड नव निर्माण सेना के बैनर तले आयोजित किया गया, जिसकी अगुवाई संगठन के महासचिव विलास गौड़ ने की।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और युवा शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुल निर्माण की देरी से न केवल ग्रामीणों को भारी असुविधा हो रही है, बल्कि आपातकालीन सेवाएं और विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
प्रदर्शन करिओं के अनुसार, “यह पुल हजारों ग्रामीणों की जीवनरेखा है। सरकार ने कई बार आश्वासन दिया, लेकिन धरातल पर काम शुरू नहीं हुआ। अब जनता को सड़कों पर उतरना पड़ा है।”
इससे पहले 5 अक्टूबर को प्रदर्शन प्रस्तावित था, लेकिन UKSSSC पेपर लीक आंदोलन में संगठन की व्यस्तता के चलते इसे आगे बढ़ाकर 8 अक्टूबर को किया गया।
जन आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही पुल निर्माण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा।
स्थानीय जनता का कहना है कि बीन नदी पुल बन जाने से न केवल आवागमन सुगम होगा बल्कि व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार आएगा।
क्षेत्र के बुजुर्गों ने भी बताया कि यह पुल वर्षों से उनकी प्राथमिक मांग रही है, जो अब तक अधूरी है।
प्रमुख मांगें:
- बीन नदी (बीच नदी) पुल का निर्माण शीघ्र शुरू किया जाए
- निर्माण के लिए स्वीकृत बजट और टेंडर प्रक्रिया सार्वजनिक की जाए
- पुल स्थल पर अस्थायी पैदल पुल या वैकल्पिक मार्ग बनाया जाए
जनता का कहना है कि अब यह आंदोलन केवल पुल निर्माण का नहीं, बल्कि सरकार की जवाबदेही का प्रतीक बन चुका है।