देहरादून। राजधानी दून की कई सड़कों पर लंबे समय से अंधेरा पसरा हुआ है। दीपावली से पहले नगर निगम ने इन सड़कों को रोशन करने के लिए जोरदार अभियान शुरू किया है। हालांकि निगम युद्ध स्तर पर लाइट दुरुस्त करने का दावा कर रहा है, फिर भी शहर के कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं।
ऊर्जा निगम की लापरवाही भी वजह
नगर निगम ने बताया कि शहर की कई स्ट्रीट लाइटें ऊर्जा निगम के ठेकेदारों के कारण बंद हैं। बिजली के पोल और लाइन बदलने के दौरान स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन काट दिए गए थे, जिन्हें अब तक नहीं जोड़ा गया। इससे विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 105 लाइट बंद होने की सूचना है।
फ्लाईओवर लाइटों की मरम्मत
शहर के फ्लाईओवरों पर लाइटें दुरुस्त करने के लिए नगर निगम ने चार घंटे यातायात रोककर सुबह-सुबह मरम्मत अभियान चलाया। बल्लीवाला फ्लाईओवर समेत अन्य मार्गों पर खराब लाइटें ठीक की गईं। मरम्मत के बाद इन मार्गों पर रोशनी लौट आई है, जिससे चालक और पैदल यात्री सुरक्षित हो गए हैं।
भिखारी बन रहे चुनौती
नगर निगम की जांच में सामने आया कि कुछ भिखारी और बेघर लोग रात को लाइट के स्विच बंद कर देते हैं। वे सड़क किनारे सोते समय रोशनी से परेशान होते हैं और स्विच ऑफ कर देते हैं, जिससे कई लाइटें रात में बुझ जाती हैं। निगम अब ऐसे क्षेत्रों में स्विच बॉक्स को सुरक्षित कवर में बंद करने और निगरानी बढ़ाने की योजना बना रहा है।
नगर निगम की चेतावनी
नगर निगम के पथ प्रकाश अनुभाग प्रभारी रंजीत राणा ने कहा कि यदि ऊर्जा निगम जल्द स्ट्रीट लाइट कनेक्शन बहाल नहीं करता है तो संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उप नगर आयुक्त गौरव भसीन ने बताया कि शहर की सुरक्षा और सौंदर्य के लिए पथ-प्रकाश व्यवस्था को सुचारू बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
धोरण मार्ग और अन्य अंधेरे क्षेत्र
सहस्रधारा रोड को कैनाल रोड से जोड़ने वाले धोरण मार्ग पर घना अंधेरा बना हुआ है। देर रात वाहन चलाने में हादसों की आशंका बढ़ गई है। स्थानीय निवासी सुरेश सिंह ने बताया कि तीव्र मोड़ों पर लगातार दुपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इसी तरह आईटीबीपी परिसर के पास सीमाद्वार से कैपिटल हाइट्स रोड तक कई महीने से लाइटें बंद पड़ी हैं।