देहरादून: दीपावली और त्योहारी सीजन में बाजारों में बिकने वाली मिठाइयों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से लिए गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट रुद्रपुर लैब से दो महीने बाद आती है। ऐसे में मिलावटी या विषाक्त मिठाइयों का खुलासा तब होता है जब उपभोक्ता उन्हें खा चुके होते हैं।
नियमों के अनुसार सैंपल रिपोर्ट 14 दिनों में आ जानी चाहिए, लेकिन लैब में जांच में देरी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। पिछले वर्ष दीपावली पर देहरादून से लिए गए 98 सैंपलों में एक नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरा था, जिसकी रिपोर्ट तब आई जब संबंधित दुकानदार अपनी मिठाइयां बेच चुका था। इस मामले में अब केस दर्ज किया जा चुका है।
खाद्य निरीक्षक रमेश सिंह ने बताया कि इस वर्ष अब तक 14 नए सैंपल लिए गए हैं, जिनमें मिठाइयां, घी और दूध शामिल हैं। सभी नमूने रुद्रपुर भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, ड्रग इंस्पेक्टर ताजबीर सिंह बग्गी ने बताया कि देहरादून में लैब का भवन तैयार है, लेकिन उपकरणों और स्टाफ की कमी के कारण यह शुरू नहीं हो पाई है। यदि स्थानीय लैब चालू हो जाए तो जांच रिपोर्ट समय पर मिल सकेगी और मिलावटखोरों पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी।
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मनीष सयाना ने बताया कि पिछले वर्ष की रिपोर्ट में दोषी दुकानों पर केस दर्ज किए जा चुके हैं और इस साल के सैंपलों की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।