देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पेपर लीक प्रकरण के बाद आयोग और पुलिस ने जांच का दायरा और सख्त कर दिया है। इस सघन जांच में अब फर्जी स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र का बड़ा खेल उजागर हो रहा है।
पुलिस ने गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) निवासी सुरेंद्र कुमार, जो आयोग की परीक्षा के लिए तीन केंद्रों में आवेदन कर चुका था, को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि सुरेंद्र ने आवेदन पत्र के साथ फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र और ओबीसी प्रमाणपत्र अपलोड किए थे। प्राथमिक जांच में ये दस्तावेज पूरी तरह नकली पाए गए।
बड़ा गिरोह होने की आशंका
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मामले में सिर्फ एक-दो नहीं बल्कि पूरे गिरोह की मिलीभगत सामने आ सकती है। आशंका जताई जा रही है कि कई अभ्यर्थी, लाभ उठाने के लिए इस तरह के फर्जी दस्तावेज बनवाकर प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं।
क्यों जरूरी है स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र
उत्तराखंड की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए राज्य का स्थायी निवास प्रमाणपत्र अनिवार्य है। वहीं, आरक्षण का लाभ पाने के लिए ओबीसी प्रमाणपत्र जरूरी होता है। लेकिन जांच में यह साफ होता जा रहा है कि कुछ अभ्यर्थी निजी फायदे के लिए इन दस्तावेजों को फर्जी तरीके से तैयार करवा रहे हैं।
पुलिस की जांच तेज
पुलिस अब यह पता लगा रही है कि इन दस्तावेजों को तैयार करने में किन लोगों की मिलीभगत रही। आवेदन संख्या में गड़बड़ी सामने आने के बाद पुलिस को यकीन है कि यह काम संगठित तरीके से किया गया है। जल्द ही इस पूरे नेटवर्क में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।