देहरादून। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जानकारी छिपाने और आधिकारिक वेबसाइट को अपडेट न करने पर उत्तराखंड की चार निजी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा-13 के तहत की गई है।
डिफॉल्टर सूची में शामिल विश्वविद्यालय—
- माया देवी यूनिवर्सिटी
- माइंड पावर यूनिवर्सिटी
- श्रीमती मंजीरा देवी यूनिवर्सिटी
- सूरजमल यूनिवर्सिटी
यूजीसी ने इन संस्थानों को चेतावनी देते हुए जल्द सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
क्यों घोषित किए गए डिफॉल्टर?
यूजीसी के अनुसार, इन विवि ने न तो अपनी आवश्यक फाइलें आयोग को सौंपीं और न ही अपनी वेबसाइट पर कोर्स, फैकल्टी, शोध कार्य, छात्रों की संख्या और वित्तीय स्थिति जैसी अनिवार्य जानकारी उपलब्ध कराई। इस कारण छात्रों और अभिभावकों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
आयोग की ओर से बार-बार ईमेल और ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से स्मरण पत्र भेजे गए, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
यूजीसी का निर्देश
यूजीसी ने सभी संबंधित विश्वविद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि—
- रजिस्ट्रार की ओर से प्रमाणित सहायक दस्तावेज जमा किए जाएं।
- भरे हुए प्रारूप और परिशिष्टों को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर लिंक कर अपलोड किया जाए।
- छात्रों और आम जनता के लिए जानकारी सुलभ कराई जाए।
यूजीसी ने कहा है कि यदि समय पर सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।