सनातन धर्म में हरसिंगार या पारिजात (Parijat Ke Upay) का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इसका उद्भव समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। इसकी खासियत यह है कि जहां अन्य फूल जमीन पर गिरने के बाद पूजा में निषिद्ध माने जाते हैं, वहीं पारिजात के फूल केवल तब ही पूजा योग्य होते हैं जब वे स्वयं पेड़ से टूटकर भूमि पर गिरें। यही कारण है कि इसे दिव्य और पवित्र माना जाता है।
शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) के दौरान पारिजात के फूलों से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने से साधक पर मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही यह उपाय धन, समृद्धि और जीवन की अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायक माने गए हैं।
नवरात्रि में पारिजात के फूलों से जुड़े उपाय
1. नौ दिनों तक अर्पण करें पारिजात की माला
नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन पूजा-अर्चना के बाद माता दुर्गा को पारिजात के फूलों से बनी माला अर्पित करें। इस उपाय से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है।
2. 108 फूलों का चमत्कारी प्रयोग
यदि जीवन में लगातार समस्याएं बनी हुई हैं, तो नवरात्र में सुबह स्नान करके पूजन करने के बाद हरसिंगार के 108 फूल लें। इन्हें चंदन से अभिषिक्त कर ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मंत्र का जाप करते हुए एक-एक फूल माता को अर्पित करें। ऐसा करने से दुख, कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।
घर में पारिजात का पौधा लगाने का महत्व
वास्तु शास्त्र में पारिजात के पौधे को शुभ माना गया है। नवरात्रि के पावन अवसर पर यदि साधक अपने घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में इसका पौधा लगाता है, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही माता रानी की कृपा घर-परिवार पर बनी रहती है।
पारिजात के फूल और पौधे का नवरात्रि में विशेष महत्व है। यदि साधक श्रद्धा और विश्वास से इन उपायों को अपनाए, तो उसे सुख, समृद्धि और मां दुर्गा की कृपा सहज ही प्राप्त हो सकती है।