अर्धकुंभ 2027: ऋषिकेश घाटों का निरीक्षण, व्यवस्थाओं को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश

अर्धकुंभ 2027 की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी ने घाटों का स्थलीय निरीक्षण किया

ऋषिकेश। अर्धकुंभ 2027 को लेकर नगर और धार्मिक प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी पौड़ी स्वाति एस. भदौरिया ने लक्ष्मणझूला-स्वर्गाश्रम क्षेत्र के प्रमुख घाटों का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि अर्धकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सभी व्यवस्थाएँ समयबद्ध और सुव्यवस्थित ढंग से सुनिश्चित की जाएँ।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने लक्ष्मण घाट, संत सेवा घाट, बॉम्बे घाट, किरमोला घाट और वेद निकेतन घाट का दौरा किया। उन्होंने संबंधित विभागों को घाटों की मरम्मत, निर्माण और सुधारीकरण कार्य समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी घाटों पर चेंजिंग रूम और शौचालय की अनिवार्य व्यवस्था करने पर जोर दिया।

जिलाधिकारी ने कहा कि भीड़भाड़ की स्थिति में दबाव एक ही स्थान पर न बने, इसके लिए घाटों को आपस में जोड़ने वाले रास्तों का निर्माण किया जाए। जहाँ जगह सीमित है, वहाँ वैकल्पिक मार्ग बनाए जाएँ ताकि भीड़ का प्रवाह सुरक्षित और व्यवस्थित रहे। उन्होंने सिंचाई विभाग को रामझूला के समीप 90 मीटर लंबे स्नान घाट का निर्माण प्राथमिकता से करने के निर्देश भी दिए।

स्ट्रीट लाइट और जनसुविधाओं पर विशेष ध्यान

अर्धकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए जिलाधिकारी ने नगर पंचायत को निर्देश दिए कि क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगाई जाए और जनसुविधा केंद्र स्थापित किए जाएँ। यह सुनिश्चित करेगा कि श्रद्धालुओं को रात में भी सुरक्षित और आरामदायक मार्ग उपलब्ध हों।

साथ ही, निर्माणाधीन बजरंग सेतु के कार्य में तेजी लाने और इसे समय पर पूरा करने पर विशेष जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी निर्माण कार्यों की साप्ताहिक प्रगति समीक्षा एसडीएम के माध्यम से अनिवार्य रूप से की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की देरी न हो।

बेसहारा मवेशियों और पर्यावरण सुरक्षा

स्वर्गाश्रम क्षेत्र में बेसहारा मवेशियों की समस्या पर भी जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाई। उन्होंने विशेष अभियान चलाकर इन मवेशियों को गौशालाओं में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। यह कदम न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि नगर की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी आवश्यक है।

जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग की बाघखाला-जौंक लिंक मार्ग का निरीक्षण कर इंटरलॉकिंग और ड्रेनेज कार्यों की स्थिति भी जानी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अर्धकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के आने-जाने के मार्ग सुरक्षित और व्यवस्थित हों।

अधिकारियों और विभागों की भागीदारी

निरीक्षण के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें एसडीएम यमकेश्वर रेखा आर्य, अधिशासी अभियंता सिंचाई अनिल राठौर, अधिशासी अभियंता लोनिवि दुगड्डा निर्भय सिंह, तहसीलदार वैभव जोशी और ईओ नगर पंचायत जौंक दीपक शर्मा शामिल थे।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अर्धकुंभ 2027 के मद्देनजर हर घाट और मार्ग का व्यापक निरीक्षण और समयबद्ध निर्माण कार्य सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन और तीर्थ यात्रा के महत्व को देखते हुए भी अत्यंत आवश्यक है।

घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा

जिलाधिकारी ने इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। घाटों और मार्गों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल सहायता और आपातकालीन सेवाओं का भी प्रबंध किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अर्धकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है, जिसमें मार्गदर्शक, सूचना बोर्ड और संकेतक लगाए जाएंगे। इसका उद्देश्य है कि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से स्नान और दर्शन कर सकें।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

अर्धकुंभ 2027 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह ऋषिकेश की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को भी मजबूत करेगा। घाटों और मंदिरों की समय पर तैयारियाँ, सुरक्षा और सुविधाएँ सुनिश्चित करने से यह आयोजन हर दृष्टिकोण से सफल होगा।

स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन उद्योग को भी इससे लाभ होगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढ़ती संख्या से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।


अर्धकुंभ 2027 के मद्देनजर ऋषिकेश में व्यापक तैयारियाँ की जा रही हैं। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने घाटों और मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर सभी विभागों को समयबद्ध और व्यवस्थित तैयारियाँ सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

मरम्मत, निर्माण और सुविधाओं के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अर्धकुंभ 2027 श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा, मानसिक शांति और धार्मिक अनुभव प्रदान करेगा।

ऋषिकेश की घाट और आसपास के मार्ग अब पूरी तरह से सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालु अनुकूल बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है।

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