यमकेश्वर (पौड़ी गढ़वाल): यमकेश्वर प्रखंड के खंड ग्राम घट्टूगाड के पाणीप्याऊ क्षेत्र में सरकारी नियम-कायदों को ताक पर रखकर हार्टीकल्चर विभाग द्वारा एक भवन का निर्माण किया गया है। बताया जा रहा है कि यह भवन आपदाग्रस्त क्षेत्र में बनाया गया है, जहां भूस्खलन और जमीन धंसने का खतरा हमेशा बना रहता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जिस स्थान पर यह भवन खड़ा किया गया है, वहां बरसात के दौरान मिट्टी खिसकने और दरारें आने की घटनाएं आम हैं। बावजूद इसके विभाग ने सरकारी बजट से इस भवन का निर्माण करा दिया। अब यह भवन कभी भी जमींदोज होने की स्थिति में पहुंच गया है।
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और तकनीकी मानकों की अनदेखी का उदाहरण है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि भवन की सुरक्षा और निर्माण प्रक्रिया की जांच की जाए, ताकि भविष्य में सरकारी बजट की बर्बादी और जनसुरक्षा को खतरा न हो।
अब बड़ा सवाल यह है कि जब यह क्षेत्र पहले से ही आपदाग्रस्त घोषित है, तो ऐसे संवेदनशील स्थान पर सरकारी भवन निर्माण की अनुमति कैसे दी गई? और इसके लिए जिम्मेदार कौन है?