देहरादून: राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में दो दिन से लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी का असर मंगलवार को मैदानी इलाकों में भी दिखा। राजधानी देहरादून में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री गिरकर 26.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि रात का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से नीचे चला गया।
सुबह के वक्त हुई तेज बारिश ने शहर को भिगो दिया और दोपहर तक हवाओं ने सर्दी का अहसास करवा दिया। मौसम विभाग के मुताबिक, दून में 2.1 एमएम बारिश दर्ज की गई है। आज भी पर्वतीय जिलों में हल्की बारिश और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है, हालांकि मैदानी हिस्सों में फिलहाल मौसम शुष्क रहेगा।
30 साल बाद अक्टूबर में जमकर हुई बर्फबारी
मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, करीब तीन दशक बाद अक्तूबर के पहले सप्ताह में इतनी भारी बर्फबारी देखने को मिली है। सीमांत क्षेत्रों के कई गांव इस समय पूरी तरह सफेद चादर से ढके हुए हैं। नीती घाटी, गमशाली, फरकिया, द्रोणागिरी, बाम्पा और मलारी जैसे इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई है।
इस बार समय से पहले हुई बर्फबारी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। नीती घाटी में कई जगह खेतों की फसल अभी कटाई से पहले ही बर्फ में दब गई है, जिससे नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि माणा और नीती की अग्रिम चौकियाँ पूरी तरह बर्फ से ढक चुकी हैं, जिससे आवाजाही में दिक्कतें बढ़ गई हैं।
अब क्या बोले मौसम विभाग
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह पोस्ट मानसून एक्टिविटी और जलवायु परिवर्तन का असर है, जिसकी वजह से उत्तराखंड में अक्टूबर की शुरुआत में ही सर्दी ने दस्तक दे दी है। विभाग ने आने वाले दिनों में भी ठंड बढ़ने की संभावना जताई है।
उत्तराखंड में इस समय का यह बर्फीला नज़ारा जहाँ पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है, वहीं किसानों और ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।