देहरादून। उत्तराखंड के चारों धाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ) और पंचकेदार (मध्यमहेश्वर, तुंगनाथ सहित) के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गई हैं। पंचांग गणना और धार्मिक परंपराओं के अनुसार यह तिथियां विजयदशमी और भैया दूज पर्व पर तय की गईं।
इस वर्ष चारधाम यात्रा का समापन 25 नवंबर 2025 को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ होगा। कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु देवताओं के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर दर्शन कर पाएंगे।
कपाट बंद क्यों किए जाते हैं?
उत्तराखंड हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधाम व पंचकेदार धाम सर्दियों में बर्फबारी के कारण छह माह तक आवागमन योग्य नहीं रहते। इसी वजह से परंपरागत रूप से इन धामों के कपाट शीतकाल में बंद कर दिए जाते हैं और देवताओं की मूर्तियों या विग्रहों को उनके शीतकालीन गद्दीस्थलों पर विराजमान कराया जाता है।
यमुनोत्री धाम कपाट बंद
- तिथि: 23 अक्टूबर 2025 (भैया दूज), समय: 12:30 बजे
- विशेष: कपाट बंद होने से पहले शनिदेव महाराज की डोली अपनी बहन यमुनोत्री पहुंचती है।
- शीतकालीन प्रवास: खरसाली गांव
तिथि | समय | प्रवास |
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23 अक्टूबर 2025 | 12:30 बजे | खरसाली गांव |
गंगोत्री धाम कपाट बंद
- तिथि: 22 अक्टूबर 2025 (अन्नकूट पर्व), समय: 11:36 बजे
- शीतकालीन प्रवास: मुखबा गांव स्थित गंगा मंदिर
तिथि | समय | प्रवास |
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22 अक्टूबर 2025 | 11:36 बजे | मुखबा गांव |
केदारनाथ धाम कपाट बंद
- तिथि: 23 अक्टूबर 2025 (भैया दूज), समय: सुबह 8:30 बजे
- शीतकालीन गद्दीस्थल: ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ
बाबा केदार डोली यात्रा कार्यक्रम
तिथि | पड़ाव | विवरण |
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23 अक्टूबर | रामपुर | पहला रात्रि विश्राम |
24 अक्टूबर | गुप्तकाशी | श्री विश्वनाथ मंदिर |
25 अक्टूबर | ऊखीमठ | ओंकारेश्वर मंदिर (गद्दीस्थल) |
बदरीनाथ धाम कपाट बंद
- तिथि: 25 नवंबर 2025, समय: दोपहर 2:56 बजे
- विशेष: कपाट बंद होने से पहले 21 से 24 नवंबर तक पंच पूजाएं होंगी।
बदरीनाथ पंच पूजाओं का कार्यक्रम
तिथि | पूजा / कार्यक्रम |
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21 नवंबर | गणेश पूजा व गणेश मंदिर के कपाट बंद |
22 नवंबर | आदि केदारेश्वर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद |
23 नवंबर | खड़क-पुस्तक पूजन व वेद ऋचा वादन का समापन |
24 नवंबर | मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग |
25 नवंबर | बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद |
26 नवंबर | उद्धव, कुबेर व शंकराचार्य गद्दी पांडुकेश्वर-ज्योतिर्मठ रवाना |
द्वितीय केदार श्री मध्यमहेश्वर कपाट बंद
- तिथि: 18 नवंबर 2025, मंगलवार
- शीतकालीन प्रवास: ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ
डोली यात्रा कार्यक्रम
तिथि | पड़ाव |
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18 नवंबर | गोंडार |
19 नवंबर | राकेश्वर मंदिर |
20 नवंबर | गिरिया |
21 नवंबर | ऊखीमठ (ओंकारेश्वर मंदिर व मेला) |
तृतीय केदार तुंगनाथ कपाट बंद
- तिथि: 6 नवंबर 2025, सुबह 11:30 बजे
- शीतकालीन गद्दीस्थल: श्री मर्कटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ
डोली यात्रा कार्यक्रम
तिथि | पड़ाव |
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6 नवंबर | चोपता |
7 नवंबर | भनकुन |
8 नवंबर | मक्कूमठ (गद्दीस्थल) |
बदरी-केदार यात्रा के आंकड़े
- बदरीनाथ धाम दर्शनार्थी: 14,20,357
- केदारनाथ धाम दर्शनार्थी: 16,02,420
- कुल श्रद्धालु: 30,22,777
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की और 2026 यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
चारधाम यात्रा कब तक रहती है?
चारधाम यात्रा हर साल गर्मियों में शुरू होती है और सर्दियों से पहले कपाट बंद होने तक चलती है। आमतौर पर अप्रैल/मई से लेकर अक्टूबर/नवंबर तक यात्री धामों के दर्शन कर सकते हैं।
कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु दर्शन कहां कर सकते हैं?
जब कपाट बंद हो जाते हैं तो देवताओं की मूर्तियां या विग्रह उनके शीतकालीन गद्दीस्थलों पर ले जाए जाते हैं। वहां पूरे सर्दियों के दौरान भक्त दर्शन कर सकते हैं।
इस साल बदरीनाथ और केदारनाथ धाम कब बंद होंगे?
बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर 2025 को बंद होंगे, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर 2025 को बंद होंगे।
कपाट बंद क्यों किए जाते हैं?
सर्दियों में हिमालयी क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है और वहां पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से परंपरा के अनुसार कपाट बंद कर दिए जाते हैं और देवताओं को सुरक्षित शीतकालीन स्थलों पर ले जाया जाता है।
कपाट बंद होने से पहले क्या कोई खास पूजा होती है?
हाँ, हर धाम में विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। जैसे बदरीनाथ में पंच पूजाओं का आयोजन होता है और केदारनाथ से बाबा केदार की पंचमुखी डोली यात्रा निकाली जाती है।