देहरादून। यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) पेपर लीक मामले के बीच हरिद्वार से बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान सामने आया है। राज्य सरकार इस मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में SIT (Special Investigation Team) से करा रही है, लेकिन बेरोजगार युवा सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी बीच सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगारों के पक्ष में आते हुए CBI जांच की हिमायत की।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकारें अक्सर झूठ बोलकर युवाओं को रोजगार देने का वादा करती हैं, जबकि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। युवाओं को यह समझना चाहिए कि सरकारी नौकरी ही सब कुछ नहीं है और स्वरोजगार की ओर भी बढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए जो युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करे।
सांसद ने यह भी कहा कि इस समय युवा पेपर लीक को लेकर बेहद आक्रोशित हैं और उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री को खुद मामले में सीबीआई जांच कराने का आदेश देना चाहिए। यदि सीबीआई जांच से युवाओं का भरोसा बनता है तो इसे कराने में कोई हर्ज नहीं है।
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि सीबीआई जांच की मांग के नाम पर भर्ती प्रक्रिया बाधित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता बनाए रखना है और भर्ती में देरी के कारण किसी युवा के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश में स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा पिछले रविवार को आयोजित की गई थी। परीक्षा खत्म होने से पहले ही प्रश्न पत्र परीक्षा कक्ष से बाहर आ गया था। यह खुलासा होते ही बेरोजगार संघ ने परेड ग्राउंड के बाहर धरना शुरू किया और सीबीआई जांच व परीक्षा रद्द करने की मांग की। अब सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बेरोजगार संघ की मांग का समर्थन करते हुए इसे सही ठहराया है।