देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुए पेपर लीक प्रकरण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख दिखाया है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा। SIT को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है और जो भी व्यक्ति इसमें शामिल पाया जाएगा, उसे सजा जरूर मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परीक्षा में 80 हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया। यदि प्रश्नपत्र बाहर आया तो यह सीमित लोगों तक कैसे पहुँचा, इसकी गहन जांच SIT कर रही है। धामी ने कहा कि एक व्यक्ति के स्वार्थ के कारण हजारों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जब पत्रकारों ने उनसे CBI जांच के संबंध में सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार को किसी भी एजेंसी से जांच कराने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा—
“अभी SIT जांच कर रही है, पहले उसका निष्कर्ष आना जरूरी है। लेकिन यदि आवश्यकता पड़ी तो CBI जांच भी कराई जाएगी। छात्रों के हित में जो भी कदम उठाना पड़ेगा, सरकार पीछे नहीं हटेगी।”
धामी का यह बयान बेरोजगार युवाओं के आंदोलन और विपक्ष की ओर से लगातार उठाई जा रही CBI जांच की मांग के बीच आया है। सरकार ने SIT को व्यापक अधिकार दिए हैं और अब इस पर सभी की नजरें टिकी हैं कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है।