देहरादून, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) परीक्षा के दौरान एग्जाम सेंटर से प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आने की खबर ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। लेकिन प्रदेश सरकार इसे पेपर लीक मानने से इंकार कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि—
पेपर लीक तब माना जाता, अगर पूरा प्रश्न पत्र 9 बजे, 10 बजे या 10:30–10:45 बजे बाहर आ जाता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस मामले को पेपर लीक कहना सही नहीं है। इसे आप नकल का प्रकरण कह सकते हैं।
नकल विरोधी कानून का हवाला
सीएम धामी ने आगे कहा कि राज्य सरकार पहले ही नकल रोकने के लिए सख्त कानून बना चुकी है।
उन्होंने कहा—
कानून बनने के बाद अपराध पूरी तरह खत्म नहीं होंगे, लेकिन ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त सजा मिलेगी। इस प्रकरण पर भी कठोर कार्रवाई होगी।
विपक्ष के निशाने पर सरकार
हालांकि विपक्ष लगातार इस घटना को गंभीर मानते हुए सरकार पर हमला कर रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि बार-बार होने वाले ऐसे मामले प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं और सरकार जिम्मेदारी से बच रही है।
परीक्षा सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद परीक्षार्थियों और अभिभावकों में गुस्सा है। सवाल उठ रहे हैं कि जब सख्त नकल विरोधी कानून मौजूद है, तब भी एग्जाम सेंटर से प्रश्न पत्र के पन्ने कैसे बाहर पहुंचे?