ऋषिकेश: सरस आजीविका मेला 2025

ऋषिकेश: सरस आजीविका मेला 2025: मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ, स्वदेशी और महिला सशक्तिकरण पर जोर

ऋषिकेश: नगर पालिका मुनि की रेती-ढालवाला स्थित पूर्णानंद खेल मैदान में दस दिवसीय सरस आजीविका मेला 2025 का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेले का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह आयोजन कला, संस्कृति और व्यापार का अद्वितीय संगम है, जो ‘लोकल फॉर वोकल’ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मेले न केवल पारंपरिक हस्तकला और स्वदेशी उत्पादों को नई पहचान दे रहे हैं, बल्कि महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “ग्रामीण महिलाओं के बनाए गए स्वदेशी उत्पाद आज मल्टीनेशनल ब्रांड्स को टक्कर दे रहे हैं, और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।”

महिला समूहों के स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र

प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आईं स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने मेले में अपने-अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई। पारंपरिक परिधान, बांस-बुने उत्पाद, हस्तनिर्मित आभूषण और पहाड़ी व्यंजन दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

मुख्यमंत्री धामी के साथ ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, वन मंत्री सुबोध उनियाल और धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने संयुक्त रूप से मेले का उद्घाटन किया।

12 आर्थिक गतिविधियों और 10 सीएलएफ योजनाओं का लोकार्पण

मेले में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत 1.20 करोड़ रुपये की लागत से संचालित 12 आर्थिक गतिविधियों और लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से 10 सीएलएफ (संकुल स्तरीय संघ) योजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान जौनपुर, थौलधार, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, जाखणीधार, भिलंगना, प्रतापनगर, चंबा और नरेंद्रनगर ब्लॉक की महिलाओं को चेक वितरित किए गए।

‘राइजिंग टिहरी’ ऑनलाइन कोचिंग क्लास की शुरुआत

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने टिहरी जिले के 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए जेईई और नीट परीक्षा की तैयारी हेतु ‘राइजिंग टिहरी’ ऑनलाइन कोचिंग क्लास का शुभारंभ किया। उन्होंने इसे छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।

महिला सशक्तिकरण और कठोर नीतियां

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत तीन लाख से अधिक महिलाओं को कौशल और क्षमता विकास से जोड़ा है। साथ ही, 534 क्लस्टर बनाए गए और 500 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) और भू-कानून जैसे ऐतिहासिक निर्णय उत्तराखंड के संतुलित विकास के प्रतीक हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने नकल माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है, जिसके बाद 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। 1 जुलाई 2026 से राज्य में केवल वही मदरसे संचालित होंगे जो सरकारी बोर्ड के पाठ्यक्रम का पालन करेंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा मैदान

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना राष्ट्र के विकास के लिए अनिवार्य है।
देर शाम लोकगायक पांडवाज की प्रस्तुतियों ने माहौल को सुरमयी बना दिया। दर्शक पारंपरिक संगीत पर झूम उठे।

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