रामनगर: आवारा कुत्तों ने चीतल पर किया हमला, ग्रामीणों ने बचाई जान; वन्यजीवों पर खतरा

रामनगर: आवारा कुत्तों के झुंड ने चीतल पर किया हमला, ग्रामीणों ने बचाई जान; वन्यजीवों पर खतरा बढ़ा

रामनगर (Jim Corbett National Park): उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में एक हैरान करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आवारा कुत्तों का झुंड एक चीतल (स्पॉटेड डियर) पर हमला करता नजर आ रहा है। घटना ढिकुली क्षेत्र में कोसी नदी किनारे की बताई जा रही है, जहां जंगल से भटका हुआ चीतल आबादी वाले इलाके में पहुंच गया था। कुत्तों ने उसे काटने की कोशिश की, लेकिन समय पर पहुंचे ग्रामीणों ने शोर मचाकर और डंडों से कुत्तों को भगाकर चीतल की जान बचा ली। यह घटना वन्यजीवों और आवारा कुत्तों के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर करती है।

घटना का विवरण: कुत्तों का झुंड और चीतल की जद्दोजहद

वीडियो में साफ दिख रहा है कि चीतल कोसी नदी पार करने की कोशिश कर रहा था, तभी वहां मौजूद आवारा कुत्तों ने उस पर टूट पड़ने की कोशिश की। कुत्तों का झुंड चीतल को काटने के लिए दौड़ाया, जिससे वह घबराकर नदी के उथले हिस्से में भागने लगा। चीतल अपनी जान बचाने के लिए छटपटाता रहा, लेकिन कुत्ते पीछे पड़े रहे।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जंगल से भटककर आया चीतल गलती से आबादी में पहुंच गया था। गनीमत रही कि आसपास के लोग आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने शोर मचाकर, पत्थर फेंककर और डंडों की मदद से कुत्तों को खदेड़ा। इसके बाद चीतल को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर भगा दिया गया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में चर्चा का विषय बन गया है।

ग्रामीणों की तत्परता ने बचाई जान

ग्रामीणों की सूझबूझ से चीतल की जान बच गई। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने जैसे ही कुत्तों की भौंकने और चीतल की चीख सुनी, दौड़कर पहुंचे। कुत्ते बहुत आक्रामक थे, लेकिन हमने उन्हें भगा दिया। यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ हो।” ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी, लेकिन विभाग की टीम घटना के बाद पहुंची।

आवारा कुत्तों की समस्या: वन्यजीवों पर खतरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि रामनगर और कोसी कॉरिडोर के आसपास आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही है, जिससे वन्यजीवों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। जंगलों के किनारे बढ़ती मानव बस्तियां और पालतू कुत्तों को खुले में छोड़ने की आदत इस समस्या को बढ़ावा दे रही है। इससे न केवल चीतल जैसे हिरण, बल्कि अन्य छोटे वन्यजीव भी शिकार बन रहे हैं।

पिछले कुछ महीनों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं, जहां आवारा कुत्ते जंगल से भटके जानवरों पर हमला कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे जैव विविधता पर असर पड़ रहा है, और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैसे क्षेत्रों में वन्यजीवों की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।

वन विभाग की प्रतिक्रिया और अपील

वन विभाग के अधिकारियों ने घटना का संज्ञान लिया है। एक वन अधिकारी ने कहा, “ऐसी घटनाएं वन्यजीवों की सुरक्षा और जैव विविधता के लिए चिंता का विषय हैं। आवारा कुत्ते वन्यजीवों के लिए खतरा बन रहे हैं।” विभाग ने लोगों से अपील की है कि:

  • पालतू कुत्तों को खुले में न छोड़ें।
  • आवारा कुत्तों की सूचना स्थानीय पंचायत या वन विभाग को दें।
  • जंगल से भटके जानवरों को देखें तो तुरंत विभाग को सूचित करें।

विभाग ने आवारा कुत्तों की नसबंदी और पुनर्वास के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है। साथ ही, कोसी कॉरिडोर में गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष कम हो।

बढ़ती समस्या पर बहस

यह घटना उत्तराखंड में आवारा कुत्तों की समस्या को फिर से चर्चा में ला रही है। देहरादून और हल्द्वानी जैसे शहरों में भी कुत्तों के हमले की शिकायतें आम हैं। पशु प्रेमी संगठनों का कहना है कि कुत्तों को मारने की बजाय नसबंदी और टीकाकरण पर फोकस करना चाहिए। वहीं, वन्यजीव विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर यह समस्या नहीं सुलझी, तो जंगल और आबादी के बीच का संतुलन बिगड़ सकता है।

स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से सहयोग की अपील की है और वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि ऐसी घटनाओं पर नजर रखी जाए। यह वीडियो न केवल एक दुर्घटना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की जरूरत को भी रेखांकित करता है।

Rishikesh News

RishikeshNews.com में हम उत्तराखण्ड और ऋषिकेश की ताज़ा खबरें और महत्वपूर्ण अपडेट सरल और भरोसेमंद तरीके से पाठकों तक पहुँचाते हैं।

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *