ऋषिकेश: नगर पालिका मुनिकीरेती-ढालवाला के पूर्णानंद खेल मैदान में चल रहे सरस आजीविका मेला 2025 में रविवार शाम का माहौल पूरी तरह सांस्कृतिक रंगों में रंग गया।
मंच पर जब उत्तराखंड के लोकप्रिय “पांडवाज ग्रुप” ने अपनी प्रस्तुति शुरू की, तो पूरा मैदान तालियों और जयकारों से गूंज उठा।
ग़ज़ल कार्यक्रम को लेकर हुए विरोध के बाद मेले में पांडवाज ग्रुप की प्रस्तुति रखी गई, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय और ऊर्जावान बना दिया।
पांडवाज ग्रुप ने भगवान शिव और महाभारत से जुड़ी अपनी प्रसिद्ध प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया।
स्थानीय दर्शकों ने कहा कि समूह की प्रस्तुति ने न सिर्फ मनोरंजन किया बल्कि उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और परंपरा को भी जीवंत कर दिया।
सांस्कृतिक एकता का संदेश
मेला समिति ने बताया कि सरस आजीविका मेला कला, संस्कृति और व्यापार का संगम है।
“हमारा उद्देश्य है कि मंच पर ऐसे कलाकारों को स्थान मिले जो प्रदेश की लोक पहचान और आध्यात्मिकता को मजबूत करें,” समिति के प्रवक्ता ने कहा।
पांडवाज ग्रुप की प्रस्तुति के बाद कार्यक्रम स्थल पर उत्साह का माहौल देखने को मिला। दर्शकों ने समूह को खड़े होकर सम्मान दिया और “जय बद्री विशाल” के जयकारे लगाए।
मेला बना आकर्षण का केंद्र
सरस आजीविका मेला में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आए शिल्पकार, महिला स्वयं सहायता समूह और उद्यमी अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं।
मेला राज्य की आर्थिक आत्मनिर्भरता और ग्रामीण नवाचार की झलक पेश कर रहा है।