नवरात्रि 2025 का सातवां दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि को समर्पित है। यह रूप रौद्र और भय निवारक देवी का प्रतीक है। माना जाता है कि मां कालरात्रि अपने भक्तों को असुरों, भय और नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं। उनके दर्शन और पूजा से जीवन में साहस, सुरक्षा और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
कौन हैं मां कालरात्रि?
मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयानक और रौद्र है।
- वे सिंह पर सवार होती हैं।
- उनके चार हाथ हैं, जिनमें वे अस्त्र और आशीर्वाद की मुद्रा धारण करती हैं।
- उनका रंग गहरा काला है, जो अंधकार और नकारात्मकता का नाश करने का प्रतीक है।
मां कालरात्रि भय और संकट निवारक देवी मानी जाती हैं। उनका स्वरूप भक्तों को यह संदेश देता है कि जो भी कठिनाई या भय जीवन में है, उसका नाश उनकी भक्ति से संभव है।
मां कालरात्रि की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर और अन्य दैत्य जब देवताओं और मानवों पर अत्याचार करने लगे, तो देवी दुर्गा ने उनका संहार करने के लिए अपनी कालरात्रि रूप धारण किया।
इस स्वरूप में उन्होंने दैत्यों का विनाश किया और धर्म की स्थापना की। भक्तों की रक्षा के लिए उनका स्वरूप हमेशा भयानक लेकिन रक्षक रहता है। यही कारण है कि नवरात्रि के सातवें दिन उन्हें विशेष रूप से पूजा जाता है।
पूजा का महत्व
- जीवन से भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश
- संकट और बाधाओं से मुक्ति
- साहस, शक्ति और आत्मविश्वास की प्राप्ति
- घर और परिवार में शांति, सुरक्षा और समृद्धि
शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Day 7 – 28 सितंबर
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:36 AM – 05:23 AM
- प्रातः संध्या: 04:59 AM – 06:10 AM
- अभिजीत मुहूर्त: 11:48 AM – 12:36 PM
- विजया मुहूर्त: 02:13 PM – 03:02 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:12 PM – 06:36 PM
- निशीथ काल: 11:48 PM – 12:35 AM (29 सितंबर)
दिन का रंग
नीला या गहरा काला (Dark Blue / Black) – मां कालरात्रि के लिए यह रंग अत्यंत शुभ माना गया है।
यह रंग संकट निवारण और सुरक्षा का प्रतीक है। नीला या काला वस्त्र पहनकर पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्त को सुरक्षा, साहस और भयमुक्ति प्रदान करती हैं।
मां कालरात्रि की पूजा विधि
- सुबह स्नान करके नीले या काले वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को शुद्ध कर मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- कलश स्थापना करें और उसमें नारियल व आम्रपल्लव रखें।
- मां को लाल या काले फूल अर्पित करें।
- दीपक और धूप जलाकर भोग में फल और मिठाई अर्पित करें।
- मंत्र जप करें: “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः” 108 बार।
- अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
मां कालरात्रि का आशीर्वाद
- भय और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति
- संकट और बाधाओं में साहस और सुरक्षा
- मानसिक शांति और स्थिरता
- घर और परिवार में सुरक्षा, सुख-समृद्धि
नवरात्रि 2025 का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। उनके भयानक लेकिन रक्षक स्वरूप की पूजा से भक्तों के जीवन से भय और नकारात्मकता दूर होती है। उनकी आराधना से जीवन में साहस, सुरक्षा और मानसिक शांति आती है। भक्तों को चाहिए कि वे श्रद्धा और भक्ति से मां कालरात्रि की पूजा करें और उनके दिव्य आशीर्वाद का लाभ प्राप्त करें।