Navratri 2025 Day 6: मां कात्यायनी की पूजा विधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त

Navratri 2025 Day 6: मां कात्यायनी की पूजा, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त

नवरात्रि 2025 का छठा दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को समर्पित है। उन्हें साहस, शक्ति और संकल्प की देवी माना जाता है। यह रूप उन भक्तों को विशेष लाभ देता है जो कठिन परिस्थितियों में स्थिर रहते हुए विजय प्राप्त करना चाहते हैं।

कौन हैं मां कात्यायनी?

मां कात्यायनी का स्वरूप वीर और रौद्र है। वे सिंह पर सवार हैं और उनके दस हाथ हैं। हाथों में वे विभिन्न अस्त्र धारण करती हैं जैसे त्रिशूल, गदा, कमल और अन्य शस्त्र। उनका तेज और शक्ति उनके भक्तों को साहस और शक्ति प्रदान करती है।

मां कात्यायनी को विशेष रूप से उन भक्तों की रक्षा के लिए पूजा जाता है जो कठिनाइयों और बाधाओं का सामना कर रहे हैं।

मां कात्यायनी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब दैत्यों ने देवताओं और ब्रह्मांड में अराजकता फैला दी, तब देवताओं ने मां दुर्गा की आराधना की। उनकी तपस्या से उत्पन्न हुई शक्ति मां कात्यायनी के रूप में प्रकट हुई।

मां कात्यायनी ने दैत्यों का संहार कर धर्म की स्थापना की। उनके शक्तिशाली स्वरूप ने यह संदेश दिया कि संकट के समय साहस और धैर्य से ही विजय संभव है

पूजा का महत्व

  • जीवन में संकट और बाधाओं का नाश
  • साहस, शक्ति और आत्मबल की प्राप्ति
  • घर-परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य
  • कठिन परिस्थितियों में विजय और सफलता

शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Day 6 – 27 सितंबर)

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:36 AM – 05:23 AM
  • प्रातः संध्या: 04:59 AM – 06:10 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:48 AM – 12:36 PM
  • विजया मुहूर्त: 02:13 PM – 03:02 PM
  • गोधूलि मुहूर्त: 06:12 PM – 06:36 PM
  • निशीथ काल: 11:48 PM – 12:35 AM (28 सितंबर)

दिन का रंग

नीला (Blue) – मां कात्यायनी की पूजा के दिन नीला रंग पहनना शुभ माना जाता है।
यह रंग शांति, स्थिरता और शक्ति का प्रतीक है। नीले वस्त्र पहनकर पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्त को साहस, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का आशीर्वाद देती हैं।

मां कात्यायनी की पूजा विधि

  1. सुबह स्नान कर नीले वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थल को शुद्ध कर मां कात्यायनी की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
  3. कलश स्थापना करें और उसमें नारियल व आम्रपल्लव रखें।
  4. मां को कमल और गुलाब के पुष्प अर्पित करें।
  5. दीपक और धूप जलाएं, भोग में मिठाई और फल अर्पित करें।
  6. मंत्र जप करें: “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” 108 बार।
  7. अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

मां कात्यायनी का आशीर्वाद

  • संकट और बाधाओं से मुक्ति
  • साहस, शक्ति और आत्मविश्वास
  • घर में सुख, शांति और समृद्धि
  • जीवन में विजय और सफलता

नवरात्रि 2025 का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। उनकी पूजा से भक्तों को साहस, शक्ति और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं और विजय प्राप्त करना चाहते हैं।

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