उत्तराखण्ड आपदा के कारण कुँजापुरी पर्यटन एवं विकास मेला स्थगित

उत्तराखण्ड आपदा के कारण कुँजापुरी पर्यटन एवं विकास मेला स्थगित

नरेन्द्रनगर: हाल ही में उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में आयी प्राकृतिक आपदा और नरेन्द्रनगर क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसी क्रम में 22 सितम्बर 2025 से शुरू होने वाले सिद्धपीठ माँ श्री कुँजापुरी पर्यटन एवं विकास मेला को आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय जनसुरक्षा और व्यवस्थागत कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

मेला स्थगित होने का निर्णय

हर वर्ष नवरात्रों से पूर्व सिद्धपीठ कुँजापुरी देवी मंदिर में भव्य पर्यटन एवं विकास मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक गतिविधियों और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का केंद्र होता है। हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इस मेले में भाग लेने आते हैं। लेकिन इस वर्ष प्रदेश के कई हिस्सों में हुई भारी बारिश, भूस्खलन और आपदा की स्थिति के कारण स्थानीय प्रशासन ने मेले को स्थगित करने का आदेश जारी किया है।

जिला प्रशासन की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि मौजूदा हालात में मेले का आयोजन करना सुरक्षित नहीं होगा। प्राकृतिक आपदा के चलते कई सड़क मार्ग बाधित हैं और जनजीवन प्रभावित हुआ है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।

आपदा की पृष्ठभूमि

सितम्बर माह के दूसरे सप्ताह से ही उत्तराखण्ड में लगातार बारिश का दौर जारी है। गढ़वाल मंडल सहित टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली और देहरादून जिलों में जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएँ सामने आयी हैं। नरेन्द्रनगर और आसपास के क्षेत्रों में भी सड़कें बाधित होने से यातायात पर असर पड़ा है। ग्रामीण इलाकों में कई परिवार प्रभावित हुए हैं। इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में प्रशासन का ध्यान राहत एवं बचाव कार्यों पर केंद्रित है।

स्थानीय जनता और पर्यटकों की प्रतिक्रिया

कुँजापुरी मेला केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था का भी बड़ा हिस्सा है। मेले के दौरान हस्तशिल्प, स्थानीय व्यंजन, पारंपरिक वाद्ययंत्र और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पर्यटक आकर्षित होते हैं। मेले के स्थगन से स्थानीय व्यापारियों, कारीगरों और होटल कारोबारियों को निराशा हुई है। हालांकि, अधिकतर लोग प्रशासन के फैसले को आवश्यक मान रहे हैं और जनहित में सही बता रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मेले का आयोजन तभी किया जाना चाहिए जब परिस्थितियाँ पूरी तरह से सामान्य हो जाएँ। उनका मानना है कि सुरक्षा सबसे पहले है और आपदा की स्थिति में जोखिम उठाना उचित नहीं होगा।

कब होगा मेला?

फिलहाल प्रशासन ने मेले को “अगले आदेशों तक स्थगित” किया है। यानी इसकी नई तिथि परिस्थितियों के सामान्य होने के बाद घोषित की जाएगी। संभावना है कि जब मौसम स्थिर होगा और आपदा नियंत्रण कार्यों में राहत मिलेगी, तब मेला पुनः आयोजित किया जाएगा।

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