देहरादून: शहर में बच्चों में हैंड, फुट और माउथ डिजीज (HFMD) तेजी से फैल रही है। बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार कॉक्ससैकी वायरस से फैलने वाली यह बीमारी बच्चों में बुखार, गले में दर्द और हाथ-पैरों पर फफोले जैसे लक्षण पैदा कर रही है।
अस्पतालों में रोजाना बढ़ रहे मरीज
- दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक के अनुसार, रोजाना औसतन 4–5 बच्चे HFMD के लक्षण लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
- मुंह के छाले और हाथ-पैरों पर दाने के कारण बच्चे को तेज दर्द और खाने में कठिनाई होती है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित बच्चों को 5–7 दिन तक आइसोलेट करना बेहद जरूरी है, ताकि बीमारी फैल न सके।
स्कूलों ने भी जारी किया अलर्ट
- शहर के कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को सर्कुलर भेजकर कहा कि बच्चे में बुखार, छाले या दाने दिखाई दें तो उन्हें स्कूल न भेजें।
- 6 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में जल्दी आते हैं, जबकि वयस्कों में फैलने की संभावना बहुत कम है।
मुख्य लक्षण
- अचानक तेज बुखार
- गले में दर्द और खाने में तकलीफ़
- मुंह के भीतर और बाहर छाले या दाने
- हाथ और पैरों पर फफोलेदार दाने
- शरीर में कमजोरी व चिड़चिड़ापन
बचाव और देखभाल
- लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- बच्चे को कम से कम एक सप्ताह घर में आइसोलेट रखें।
- तरल पदार्थ और फलों की मात्रा बढ़ाएँ ताकि इम्युनिटी बनी रहे।
- बार-बार हाथ धोने और मास्क पहनने की आदत डालें।
- दूषित वस्तुओं और अस्वच्छ खानपान से बचें।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल कौशिक के अनुसार:
- यदि बच्चे का बुखार लगातार बना रहे
- दाने और फफोले बढ़ते जाएँ
- बच्चा खाना-पीना छोड़ दे
तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। समय पर इलाज होने पर HFMD 6–7 दिनों में ठीक हो जाती है और जटिलताओं का खतरा नहीं रहता।