बजरंग सेतु ऋषिकेश

ऋषिकेश का बजरंग सेतु: नए पुल से श्रद्धालुओं और यात्रियों को मिलेगा सुरक्षित और आधुनिक मार्ग

ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला के पास लंबे समय से निर्माणाधीन बजरंग सेतु चर्चा में है। यह पुल टिहरी जिले के तपोवन और पौड़ी जिले के लक्ष्मणझूला को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि के तहत और मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

साल 2019 में 92 साल पुराने लक्ष्मणझूला को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था। इस कदम ने नए पुल की आवश्यकता को और अधिक जरूरी बना दिया।

बजरंग सेतु की विशेषताएँ

लोक निर्माण विभाग, नरेंद्रनगर ने 2022 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया। पुल की कुल लंबाई 132.30 मीटर है और इसे लगभग 68.86 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • ग्लास डेक पैदल यात्रियों के लिए: श्रद्धालु और पर्यटक पुल पर आराम से चल सकते हैं।
  • हल्के चौपहिया वाहन: स्थानीय कारोबारियों और दैनिक आवागमन के लिए सुविधा।
  • आधुनिक डिजाइन: पुल की संरचना केदारनाथ मंदिर की आकृति जैसी धार्मिक पहचान से प्रेरित है।
  • पर्याप्त चौड़ाई: पुल की चौड़ाई आठ मीटर है, जिससे यातायात और पैदल मार्ग दोनों सुरक्षित और सुचारु रहते हैं।

बजरंग सेतु न केवल यातायात को आसान बनाता है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। यह ऋषिकेश की पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों के लिए एक नई जान फूंकने वाला है।

निर्माण की चुनौतियाँ और समय सीमा

हालांकि, पुल का निर्माण शुरू से ही धीमी गति से चल रहा है। निर्माण की समय सीमा बार-बार बढ़ाई गई। दिसंबर 2024 तक पुल पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।

अप्रैल के अंत में लोक निर्माण विभाग की टीम ने पुल का निरीक्षण किया और 30 जून तक कार्य पूरा करने की नई समय सीमा निर्धारित की। हालांकि, जून तक केवल 80 प्रतिशत कार्य ही पूरा हुआ था। अब बचे हुए 20 प्रतिशत कार्य को पूरा करना चुनौतीपूर्ण प्रतीत हो रहा है।

निर्माण में देरी के कई कारण हैं — तकनीकी जटिलताएँ, मौसम की बाधाएँ, और सामग्री की आपूर्ति में असमयता। यह दर्शाता है कि बजरंग सेतु परियोजना में सतत निगरानी और समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।

बजरंग सेतु का महत्व

बजरंग सेतु केवल यातायात का साधन नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी अहम है।

  • धार्मिक दृष्टि: पुल के माध्यम से श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से गंतव्य तक पहुंच सकते हैं।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था: पुल समय पर पूरा होने से स्थानीय कारोबार और पर्यटन उद्योग को गति मिलेगी।
  • सुरक्षा: आधुनिक निर्माण मानकों के अनुसार डिज़ाइन किया गया यह पुल भविष्य में टिकाऊ और सुरक्षित रहेगा।

इसलिए, बजरंग सेतु का समय पर निर्माण न केवल यातायात सुगमता के लिए जरूरी है, बल्कि यह शहर की समग्र आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति में भी योगदान देगा।

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