बदरीथ। वर्ष 2022 में बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा स्थित निर्माणाधीन पुल गिरने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने RCC कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर (PM) ज्योति प्रकाश शर्मा और जूनियर इंजीनियर (JE) मुकेश गुप्ता को दोषी ठहराया।
अदालत ने दोनों को अलग-अलग धाराओं में कुल चार साल छह माह की सजा सुनाई और प्रत्यक पर 11,500 रुपये जुर्माना लगाया।
हादसे का विवरण
वर्ष 2022 में RCC कंपनी द्वारा नरकोटा में बन रहा मोटरपुल अचानक टूटकर गिर गया था।
- इससे कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए।
- कुछ मजदूरों की मौत भी हुई।
- पीड़ित पक्ष की तहरीर पर प्रोजेक्ट मैनेजर और JE के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
अदालत का फैसला और सजा
अदालत ने दोनों पर अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई:
धारा (IPC) | सजा | जुर्माना |
---|---|---|
धारा 337 IPC | 6-6 माह का कठोर कारावास | 500-500 रुपये |
धारा 338 IPC | 2-2 वर्ष का कारावास | 1,000-1,000 रुपये |
धारा 304A IPC | 2-2 वर्ष का कारावास | 10,000-10,000 रुपये |
जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त 1 माह का कारावास भुगतना होगा। अदालत ने सभी सजाओं को अलग-अलग चलाने का आदेश दिया।
जनहित से जुड़ा मामला
अभियोजन अधिकारी प्रमोद चन्द्र आर्य ने बताया कि यह मामला लोक महत्व और जनहित से जुड़ा था।
- निर्माणाधीन पुल गिरने से जन-धन और मानव जीवन को गंभीर क्षति हुई।
- अदालत ने स्पष्ट किया कि दोषियों को कड़ी सजा सुनाकर भविष्य में इस तरह की लापरवाही रोकने का संदेश दिया गया है।
नरकोटा पुल हादसे में RCC कंपनी के JE और PM को सुनाई गई यह सजा निर्माण क्षेत्र में जवाबदेही और सुरक्षा मानकों के प्रति कड़े संदेश के रूप में देखी जा रही है।